Pakistan में सुप्रीम कोर्ट का हाथ भ्रष्ट नेताओं के साथ, पलट दिया बड़ा फैसला, खुश तो बहुत होंगे नवाज-शहबाज

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ANI
अभिनय आकाश । Sep 6 2024 3:46PM

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) काजी फ़ैज़ ईसा ने संघीय सरकार और अन्य पक्षों द्वारा दायर इंट्रा-कोर्ट अपील (आईसीए) की सुनवाई के बाद 6 जून को पांच सदस्यीय पीठ द्वारा आरक्षित फैसला सुनाया। विशेष रूप से, शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पिछली सरकार द्वारा मई 2023 में एनएबी कानूनों में संशोधन किया गया था।

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बड़ी राहत देते हुए पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मत फैसले में देश के भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों में उन बदलावों को बहाल कर दिया, जिनसे पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो सहित कई प्रमुख राजनेताओं को फायदा हुआ। अदालत ने पिछले फैसले को पलट दिया, जिसने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) कानूनों में संशोधनों को रद्द कर दिया। जन प्रतिनिधियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को बहाल करते थे। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) काजी फ़ैज़ ईसा ने संघीय सरकार और अन्य पक्षों द्वारा दायर इंट्रा-कोर्ट अपील (आईसीए) की सुनवाई के बाद 6 जून को पांच सदस्यीय पीठ द्वारा आरक्षित फैसला सुनाया। विशेष रूप से, शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पिछली सरकार द्वारा मई 2023 में एनएबी कानूनों में संशोधन किया गया था। 

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इस कदम की इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने आलोचना की क्योंकि इसके कारण आसिफ अली जरदारी, शहबाज शरीफ और उनके भाई नवाज शरीफ जैसे प्रमुख राजनेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले वापस ले लिए गए। इमरान खान ने पिछले साल संशोधनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसने सितंबर 2023 में परिवर्तनों को रद्द कर दिया था। शुक्रवार के फैसले के अनुसार, अदालत ने अपील के पक्ष में सर्वसम्मति से फैसला सुनाया और उन संशोधनों को बहाल कर दिया जिन्हें पहले असंवैधानिक घोषित किया गया था। 

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NAB कानूनों पर कोर्ट ने क्या कहा?

आज के फैसले में पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीश संसद के द्वारपाल नहीं हो सकते। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें यह भी कहा गया कि इमरान की पिछली याचिका यह साबित करने में विफल रही कि एनएबी संशोधन संविधान का उल्लंघन था। 15 सितंबर, 2023 को पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने जन प्रतिनिधियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को बहाल कर दिया था, साथ ही प्रमुख राजनेताओं को भी, जो कथित तौर पर संशोधनों से लाभान्वित हुए थे, उन पर फिर से मामलों का सामना करने की संभावना है। शहबाज़ के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने राष्ट्रीय जवाबदेही अध्यादेश (एनएओ), 1999 में कई बदलाव पेश किए, ठीक उसी समय जब नवाज़ शरीफ़ लंदन में अपने निर्वासन से लौट रहे थे।

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