पाकिस्तानी NSA करेंगे काबुल का दौरा, तालिबान सरकार के साथ होगी इसको लेकर चर्चा
डॉन अखबार को बताया कि 18 से 19 जनवरी तक की अपनी यात्रा के दौरान यूसुफ अफगानिस्तान को मानवीय सहायता देने के तरीकों पर चर्चा करेंगे, जो संयुक्त राष्ट्र की आवश्यकताओं और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की आवश्यकताओं के अनुरूप होंगे। मानवीय संकट को टालने के लिए संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के मानवीय संकट पर चर्चा की गई है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ की अगुवाई में एक अंतर-मंत्रालयी प्रतिनिधिमंडल का मंगलवार को अफगानिस्तान के साथ लगती सीमा पर बाड़ लगाने के मुद्दे पर तालिबान सरकार से विचार-विमर्श करेगा और युद्धग्रस्त देश की मानवीय जरूरतों का जायजा लेगा। एक मीडिया खबर में यह जानकारी दी गयी। अधिकारियों ने डॉन अखबार को बताया कि 18 से 19 जनवरी तक की अपनी यात्रा के दौरान यूसुफ अफगानिस्तान को मानवीय सहायता देने के तरीकों पर चर्चा करेंगे, जो संयुक्त राष्ट्र की आवश्यकताओं और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की आवश्यकताओं के अनुरूप होंगे। मानवीय संकट को टालने के लिए संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के मानवीय संकट पर चर्चा की गई है।
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने विगत 13 जनवरी को कहा था कि लाखों अफगान नागरिक मृत्यु के कगार पर थे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संयुक्त राष्ट्र की पांच अरब अमरीकी डालर की मानवीय अपील के तहत सहयोग निधि देने, अफगानिस्तान की कब्जाई सम्पत्ति छोड़ने और अफगानिस्तान के आर्थिक और सामाजिक पतन को रोकने के लिए उसकी बैंकिंग प्रणाली को फिर से प्रोत्साहित करने का भी आह्वान किया था। कुशल श्रमिकों का लगभग पूर्ण पलायन अफगानिस्तान के सामने प्रमुख चुनौतियों में से एक है, जो इसके स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि वे उन अफगान शरणार्थियों को स्थानांतरित करने की योजना बना रहे हैं जो पाकिस्तान में शिक्षित और प्रशिक्षित हुए हैं। अधिकारियों ने कहा कि दोनों देशों के बीच जारी मतभेदों के बीच डूरंड रेखा पर सीमा पर बाड़ लगाने के मुद्दे पर भी यूसुफ चर्चा करेंगे।
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