पाकिस्तानी जनता पर फूटा महंगाई बम, पेट्रोल-डीजल के दाम में वृद्धि पर भड़के इमरान खान बोले- इंडिया से सीखो
पाकिस्तान सरकार के इस निर्णय पर भड़कते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि यह सबसे बड़ी एकमुश्त वृद्धि है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान ने आयातित सरकार के विदेशी आकाओं को गुलामी की कीमत चुकानी शुरू कर दी है।
पाकिस्तान भी अब श्रीलंका की राह पर चल चुका है। आर्थिक रूप से बर्बादी की ओर तेजी से बढ़ रहे पाकिस्तान की सरकार ने अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से ढहने से बचाने के लिए पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में 30 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि करने का निर्णय लिया है जिससे पाकिस्तान में जनता त्राहि त्राहि कर रही है। हम आपको बता दें कि पाकिस्तान में पेट्रोलियम पदार्थों में मूल्यवृद्धि आधी रात से लागू हो गयी जिसके चलते पेट्रोल 179 रुपये 85 पैसे प्रति लीटर और डीजल 174 रुपये 15 पैसे प्रति लीटर और केरोसिन 155 रुपये 95 पैसे प्रति लीटर मिलेगा। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने एक प्रेस वार्ता में नई कीमतों का ऐलान किया। हम आपको बता दें कि पाकिस्तान सरकार ने यह निर्णय तब लिया है जब एक दिन पहले कतर में पाकिस्तान सरकार और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बीच आर्थिक सहायता को लेकर हुई बातचीत बेनतीजा रही थी।
इमरान खान फिर बोले- इंडिया से सीखो
पाकिस्तान सरकार के इस निर्णय पर भड़कते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि यह सबसे बड़ी एकमुश्त वृद्धि है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान ने आयातित सरकार के विदेशी आकाओं को गुलामी की कीमत चुकानी शुरू कर दी है। इमरान खान ने आरोप लगाया है कि अक्षम और उदासीन सरकार ने रूस के साथ 30% सस्ता तेल खरीदने के लिए हमारा सौदा नहीं किया। इमरान खान ने कहा है कि अपराधियों के इस समूह के हाथों हमारे देश को अब महंगाई की एक बड़ी आंधी का सामना करना पड़ेगा। इमरान खान ने ट्वीटों की अपनी श्रृंखला में एक बार फिर भारत की तारीफ करते हुए कहा है कि पाकिस्तान के विपरीत, अमेरिका के रणनीतिक सहयोगी भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीदकर ईंधन की कीमतों में भारी कमी करने में कामयाबी हासिल की है।
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पड़ोसी देशों के हालात से सबक सीखना चाहिए
यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि पाकिस्तान और श्रीलंका का यह हाल मुफ्त वितरण की राजनीति और सब्सिडी वाली राजनीति के चलते ही हुआ है। पाकिस्तान सरकार भी श्रीलंका की तरह जनता के बीच लोकप्रिय रहने के लिए महंगा तेल खरीद कर सस्ते में बेच रही थी। ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था का भट्ठा तो बैठेगा ही। अब जब हालात बिगड़ने लगे तो पाकिस्तान सरकार को इतनी बड़ी मूल्यवृद्धि के लिए मजबूर होना पड़ा। यहां हम भारत के उन लोगों को भी यह बताना चाहेंगे कि पेट्रोल और डीजल के दामों में आवश्यक होने पर एक-एक रुपए की मूल्यवृद्धि पर सरकार को कोसना छोड़िये क्योंकि हमारे पड़ोसी देशों के हालात यह बताने के लिए काफी हैं कि महंगा खरीदकर उसे सस्ता बेचना कितना भारी पड़ता है। वैसे भी अब भारत सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर उत्पाद शुल्क को घटाकर जनता को बड़ी राहत प्रदान कर ही दी है।
पाकिस्तान सरकार और कड़े निर्णय लेने को तैयार
बहरहाल, पाकिस्तान की ही बात करें तो वहां के वित्त मंत्री इस्माइल ने कहा है कि इस बढ़ोत्तरी के बाद भी अभी सरकार को डीजल के दामों में प्रति लीटर 56 रुपये का घाटा हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस फैसले के दुष्परिणामों का अहसास है। इस्माइल ने कहा, 'हम आलोचना झेलेंगे लेकिन देश और उसका हित हमारे लिए जरूरी है। हमारे लिए इसे बचाए रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अगर इन कदमों को नहीं उठाया गया होता तो पाकिस्तान गलत दिशा में जा सकता था।
पाकिस्तान में तेजी से बिगड़ रहे हैं हालात
इस बीच पाकिस्तान मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पाकिस्तान में इस भारी वृद्धि का जनता विरोध कर रही है और जगह-जगह सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बड़ी मूल्यवृद्धि के चलते पाकिस्तान में महंगाई बम फूटने के डर से लोग रोजमर्रा के सामान वाली दुकानों पर उमड़ रहे हैं ताकि कीमतें बढ़ने से पहले घर में जरूरी सामान रख लिया जाये। पाकिस्तान की हालत इस समय श्रीलंका जैसी होती जा रही है। पाकिस्तान में सरकार है लेकिन उसकी कोई सुन नहीं रहा, पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट है लेकिन वह आंखें मूंदे बैठा हुआ है। अभी एक दिन पहले ही इस्लामाबाद में इमरान खान की पार्टी के प्रदर्शनकारियों पर पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने एक्सपार्यड आंसू गैस के गोले छोड़े थे क्योंकि नये आंसू गैस के गोले खरीदने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं। पाकिस्तान को कहीं से आर्थिक मदद मिल नहीं रही है और खर्चा चलाने के लिए उसके पास पैसे बचे नहीं हैं। ऐसे में इस भारी मूल्यवृद्धि के बाद पाकिस्तान में डर महसूस किया जा रहा है कि कहीं जनता ही इस शहबाज शरीफ सरकार का तख्ता ना पलट दे।
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चुनाव कराने को तैयार नहीं हैं शहबाज
इस बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने स्पष्ट किया है कि आम चुनाव की तारीखें संसद तय करेगी। हम आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक देश में मध्यावधि चुनाव की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को जिन्ना एवेन्यू में ‘आजादी मंच’ के हजारों प्रदर्शनकारियों की रैली को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शहबाज शरीफ सरकार को प्रांतीय विधानसभाओं को भंग करने और नये सिरे से आम चुनाव कराने की घोषणा के लिए छह दिन की मोहलत दी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ऐसा नहीं कर सकी तो वह ‘पूरे देशवासियों’ के साथ राजधानी लौटेंगे। इमरान खान की प्रदर्शन रैली के मद्देनजर शहबाज शरीफ ने नेशनल असेंबली में अपने संबोधन में कहा, ‘‘मैं साफ करना चाहता हूं कि आपकी धमकी काम नहीं करेगी। संसद तय करेगी कि चुनाव कब होंगे।’’ उन्होंने कहा कि मौजूदा नेशनल असेंबली अगले साल अगस्त में पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी जिसके बाद आम चुनाव होंगे। वैसे भी शहबाज शरीफ सरकार की हिम्मत नहीं है कि वह अभी चुनाव करवा ले क्योंकि इस मूल्यवृद्धि के बाद जनता उसे वोट नहीं देगी।
इमरान खान पर इस तरह कसा जायेगा शिकंजा
शहबाज शरीफ ने इमरान खान की रैली को लेकर कड़ा आक्रोश भी व्यक्त किया है। खबर है कि इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ पुलिस ने आगजनी और तोड़फोड़ के दो अलग-अलग मामलों में वाद दर्ज किये हैं। अभी हालांकि किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन यदि इमरान खान ने घोषणा के अनुसार छह दिन बाद दूसरा विरोध प्रदर्शन शुरू किया तो सरकार कुछ नेताओं को पकड़ने के लिए इन एफआईआर का इस्तेमाल कर सकती है।
शेयर बाजार ने किया पाक सरकार के फैसले का स्वागत
बहरहाल, पाकिस्तान सरकार की ओर से पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्यवृद्धि के बाद माना जा रहा है कि उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद मिल सकती है क्योंकि शहबाज शरीफ सरकार ने इस कड़े निर्णय के जरिये यह संदेश दिया है कि वह अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए सख्त फैसले लेने को तैयार है। पाकिस्तान सरकार के इस निर्णय का जनता भले विरोध कर रही है लेकिन वहां के स्टॉक एक्सचेंज में उछाल देखा जा रहा है और सरकार के इस निर्णय की बदौलत पाकिस्तानी रुपया भी मजबूत हुआ है।
- नीरज कुमार दुबे
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