नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, पाक स्थित इस्लामाबाद के भारतीय उच्चायोग में नजर आया ड्रोन
जम्मू-कश्मीर में एयरबेस पर हमले के बाद अब पाकिस्तान स्थित इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के अंदर ड्रोन देखा गया। भारत ने सुरक्षा उल्लंघन के तहत इसके खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
पाकिस्तान अपनी नापाक हरकत से बाज नहीं आ रहा है। जम्मू-कश्मीर में एयरबेस पर हमले के बाद अब पाकिस्तान स्थित इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के अंदर ड्रोन देखा गया। भारत ने सुरक्षा उल्लंघन के तहत इसके खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया है। यह पहली बार नहीं है जब भारतीय मिशन के अंदर ड्रोन देखे गए हैं। 26 जून को एक कार्यक्रम के दौरान मिशन के अंदर ड्रोन की मौजूदगी देखी गई। लगभग इसी दौरान जम्मू-कश्मीर में एयरबेस पर ड्रोन से 2 हमले किए गए। जिसके बाद से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
अरनिया सेक्टर में दिखा ड्रोन
वहीं शुक्रवार को बीएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहे एक संदिग्ध पाकिस्तानी निगरानी ड्रोन पर गोलीबारी की। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जवानों ने सुबह 4.25 मिनट पर जम्मू के अरनिया सेक्टर में संदिग्ध ड्रोन को देखा गया। इसे गिराने के लिए बीएसएफ के जवानों ने गोलियां चलाईं। बीएसएफ प्रवक्ता की मानें तो बल के चौकन्ना जवानों ने अरनिया सेक्टर में घुसने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान के एक छोटे ड्रोन पर गोलीबारी की। गोलीबारी से ड्रोन तुरंत वापस लौट गया और बताया कि ड्रोन इलाके की निगरानी के लिए आया था।
जम्मू-कश्मीर एयरबेस पर ड्रोन से हमला
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में एयरबेस पर हमले के बाद से ड्रोन का दिखना लगातार जारी है। जम्मू-कश्मीर में एयरफोर्स बेस पर दो हमलों के बाद से दिल्ली तक सुरक्षा एजेंसियों की नीदें उड़ गई थी। 26 जून की आधी रात को यह हमला किया गया। इसके बाद से इलाके में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। एनआईए को इस मामले की जांच सौंपी गई हैं। वहीं खुफिया एजेंसियां इस हमले के पीछे पाकिस्तान के आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा या जैश-ए-मोहम्मद का भी हाथ होने की बात कही थी। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इसे आतंकी हमले करार दिया। मामले में दो संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया और दोनों से पूछताछ की गई।
एयरफोर्स बेस से अंतरराष्ट्रीय सीमा का इलाका महज 14 किलोमीटर की दूरी पर है। धमाके की शुरुआती जांच में इस बात शक जताया जा रहा था कि ड्रोन के जरिए बेस की एक इमारत और एक खुली जगह पर विस्फोटक गिराए गए।
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