पाकिस्तान की जेलों में चार महिला सहित 682 भारतीय नागरिक बंद: सरकार

Murlidharan
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विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ राजनीतिक चैनलों के माध्यम से लगातार इस मुद्दे को उठा कर रही है और सजा पूरी कर चुके सभी भारतीय कैदियों की रिहाई एवं स्वदेश वापसी की मांग करती रही है।

नयी दिल्ली|केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को संसद में बताया कि पाकिस्तान की जेलों में चार महिलाओं सहित कुल 682 भारतीय नागरिक बंद हैं और इनमें 17 ऐसे हैं जो 10 वर्षों से अधिक समय से पड़ोसी देश की हिरासत में हैं।

राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2014 से अब तक भारत 2,214 भारतीयों को पाकिस्तान से स्वदेश ला चुका है।

भाजपा सांसद राकेश सिन्हा द्वारा पाकिस्तान की जेलों में कैद भारतीयों नागरिकों की संख्या पूछे जाने पर मुरलीधरन ने कहा कि कॉन्सुलर एक्सेस संबंधी भारत-पाकिस्तान करार के अंतर्गत एक जुलाई 2022 को पाकिस्तान के साथ आदान-प्रदान की गई कैदियों की सूची के अनुसार पाकिस्तान ने माना है कि उनकी जिलों में 633 मछुआरे और 49 नागरिक हैं, जो भारतीय हैं या जिनके भारतीय होने का विश्वास है।

उन्होंने कहा, ‘‘इन 682 कैदियों में से 4 महिलाएं हैं और 17 कैदी 10 वर्ष से भी अधिक समय से पाकिस्तान की हिरासत में है।’’

विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ राजनीतिक चैनलों के माध्यम से लगातार इस मुद्दे को उठा कर रही है और सजा पूरी कर चुके सभी भारतीय कैदियों की रिहाई एवं स्वदेश वापसी की मांग करती रही है।

मुरलीधरन ने कहा कि सरकार, पाकिस्तान में भारतीयों कैदी के कल्याण, सलामती और सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता देती है।

उन्होंने बताया, ‘‘जैसे ही पाकिस्तान द्वारा भारतीयों के हिरासत की सूचना दी जाती है, इस्लामाबाद स्थित भारतीय मिशन द्वारा पाकिस्तान सरकार से कॉन्सुलर एक्सेस प्राप्त करने की दिशा में तुरंत कदम उठाए जाते हैं।

कैदियों को उनकी शीघ्र रिहाई एवं स्वदेश वापसी के लिए कानूनी सहायता के साथ-साथ सभी संभव सहायता प्रदान की जाती है।’’

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप वर्ष 2014 से अब तक 2,214 भारतीयों को पाकिस्तान से स्वदेश लाया जा चुका है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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