PM Modi Meet Muhammad Yunus: साथ किया डिनर, अब टकराव दूर करने की बारी, थाईलैंड में PM मोदी से मिले मोहम्मद यूनुस

Mohammad
ANI
अभिनय आकाश । Apr 4 2025 11:57AM

पिछले साल शेख हसीना के पतन के बाद सत्ता में आई नई यूनुस सरकार अब अपने सबसे करीबी पड़ोसी को बांग्लादेश से दूर रखने के लिए चीन से मदद की उम्मीद कर रही है। यही वजह है कि यूनुस ने न सिर्फ पूर्वोत्तर राज्यों को लैंडलॉक्ड इलाका बताया, बल्कि चीन को भारत के चिकन नेक (सिलीगुड़ी कॉरिडोर) तक पहुंच की पेशकश भी की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिम्सटेक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए बैंकॉक में हैं और वहां उनकी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से मुलाकात हुई है। गौरतलब है कि यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब मोहम्मद यूनुस ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर भड़काऊ टिप्पणी की थी। पिछले साल शेख हसीना के पतन के बाद सत्ता में आई नई यूनुस सरकार अब अपने सबसे करीबी पड़ोसी को बांग्लादेश से दूर रखने के लिए चीन से मदद की उम्मीद कर रही है। यही वजह है कि यूनुस ने न सिर्फ पूर्वोत्तर राज्यों को लैंडलॉक्ड इलाका बताया, बल्कि चीन को भारत के चिकन नेक (सिलीगुड़ी कॉरिडोर) तक पहुंच की पेशकश भी की। 

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बांग्लादेश उपमहाद्वीप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और भारत दूसरा सबसे बड़ा निर्यात साझेदार है, जो बांग्लादेश को कुल निर्यात का 12 प्रतिशत हिस्सा देता है। लेकिन बांग्लादेश की नई यूनुस सरकार यथास्थिति को बदलने पर आमादा है। हालाँकि, यह सरकार निर्वाचित नहीं है और केवल चुनाव होने और निर्वाचित सरकार के स्थापित होने तक ही सत्ता में है। बांग्लादेश अब चीन की ओर देख रहा है। स्वास्थ्य सेवा एक और क्षेत्र है जहाँ ढाका अब चीन को लाना चाहता है। बांग्लादेश निवेश विकास प्राधिकरण (BIDA) के चेयरमैन आशिक चौधरी के अनुसार बांग्लादेश से स्वास्थ्य सेवा के लिए परिवहन की आवाजाही जो आमतौर पर भारत और थाईलैंड की ओर होती है, अब चीन हमें वह मदद और सहायता देने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने चीन से निवेश प्राप्त करने पर जोर दिया और कहा कि हमारा लक्ष्य बांग्लादेश को मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलना है। बांग्लादेश दुनिया की फैक्ट्री के रूप में उभरेगा।

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चटगाँव भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

इस क्षेत्र में चीन की मौजूदगी चिकन नेक को और भी अधिक असुरक्षित बना सकती है। चटगाँव एक बंदरगाह है जो भारत को बांग्लादेश के मुकाबले रणनीतिक रूप से बेहतर बनाता है। भारत ने त्रिपुरा को चटगाँव बंदरगाह से जोड़ने के लिए पहले ही बुनियादी ढाँचा विकसित कर लिया है। चटगाँव बंदरगाह पूर्वोत्तर क्षेत्र, खासकर दक्षिणी असम, त्रिपुरा, मणिपुर और मिज़ोरम के लिए कम दूरी के कारण अधिक व्यवहार्य विकल्प है। चटगाँव बंदरगाह को अगरतला से जोड़ने वाले मार्ग सिलीगुड़ी गलियारे की तुलना में किफायती हैं। 

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