राजपक्षे को यात्रा की अनुमति के फैसले पर मालदीव नेशनल पार्टी ने नाखुशी जताई
मालदीव्स नेशनल पार्टी (एमएनपी) ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को मालदीव की यात्रा पर आने की अनुमति देने के यहां की सरकार के फैसले पर बुधवार को अप्रसन्नता जताई और कहा कि वह इस बाबत प्रस्ताव रखकर सरकार से स्पष्टीकरण मांगेगी।
माले/नयी दिल्ली। मालदीव्स नेशनल पार्टी (एमएनपी) ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को मालदीव की यात्रा पर आने की अनुमति देने के यहां की सरकार के फैसले पर बुधवार को अप्रसन्नता जताई और कहा कि वह इस बाबत प्रस्ताव रखकर सरकार से स्पष्टीकरण मांगेगी। एमएनपी नेता और मालदीव की पूर्व विदेश मंत्री दुन्या मौमून ने दिये साक्षात्कार में कहा कि यह बहुत निराशाजनक है कि मालदीव सरकार श्रीलंका की जनता की भावनाओं का ध्यान नहीं रखती।
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राष्ट्रपति रहते हुए अभियोजन से छूट प्राप्त 73 वर्षीय राजपक्षे नयी सरकार द्वारा संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए अपनी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों के साथ मालदीव रवाना हो गये। मौमून ने कहा कि श्रीलंका के मौजूदा आर्थिक संकट के लिए राजपक्षे की भी थोड़ी-बहुत जिम्मेदारी है और मालदीव में बड़ी संख्या में श्रीलंकाई हैं जो सोलिह सरकार के फैसले से नाखुश हैं। खबरें हैं कि वे मालदीव में किसी तरह के प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम की बेटी मौमून ने कहा, ‘‘मेरी पार्टी संसद (पीपल्स मजलिस) में प्रस्ताव रखेगी और इस मामले में सरकार से स्पष्टीकरण की मांग करेगी।’’
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उन्होंने यह भी कहा कि श्रीलंकाई नेता मालदीव में एक रिसॉर्ट में रह रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक श्रीलंका से राजपक्षे के मालदीव जाने के विषय पर बातचीत मालदीव की संसद के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने की थी। मालदीव सरकार की दलील है कि राजपक्षे अब भी श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं और उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है या अपने अधिकार किसी उत्तराधिकारी को नहीं सौंपे हैं। सूत्रों ने कहा कि इसलिए यदि राजपक्षे मालदीव की यात्रा करना चाहते हैं तो इससे इनकार नहीं किया जा सकता था।
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