धार्मिक स्वतंत्रता के पक्ष में मजबूती से बोलना चाहिए: पोम्पिओ

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[email protected] । Jun 26 2019 8:58PM

पोम्पिओ की टिप्पणी की अहमियत इसलिए है, क्योंकि कुछ दिन पहले ही अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने 2018 की सालाना अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्टजारी की थी।

नयी दिल्ली। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने बुधवार को यहां धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के पक्ष में ‘मजबूती’ से बोलने की अपील करते हुए कहा कि अगर इस अधिकार के साथ समझौता किया जाता है तो इससे दुनिया बदतर हो जाती है। पोम्पिओ की टिप्पणी की अहमियत इसलिए है, क्योंकि कुछ दिन पहले ही अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने 2018 की सालाना अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्टजारी की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि भारत में 2018 में गायों के व्यापार या गोवध की अफवाह पर अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर, मुसलमानों के खिलाफ चरमंपथी हिन्दू समूहों ने भीड़ द्वारा हिंसा की है।

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यहां इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में ‘भारत नीति’ पर अपने भाषण में पोम्पिओ ने कहा कि भारत में चार प्रमुख धर्मों का जन्म हुआ है। सभी को धार्मिक स्वतंत्रता मिले, इसके लिए साथ खड़ा होना चाहिए। इन अधिकारों के पक्ष में एक साथ मजबूती से बोलना चाहिए। जब भी उन अधिकारों के साथ समझौता किया जाता है तो दुनिया बदतर होती है। उन्होंने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने से अमेरिका खुश है।

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अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने आतंकवाद का समर्थन करने वाले फलस्तीन के एनजीओ के खिलाफ हाल में संयुक्त राष्ट्र में मतदान किया और यह दिखाया कि आतंकवाद को पुरस्कृत करना गलत है। पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका भारत की मुखरता का समर्थन करता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सराहना करते हुए कहा कि वे ऐसे नेता हैं जो जोखिम लेने से नहीं डरते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश ‘एक साथ अविश्वनीय चीज़े’ कर सकते हैं।

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