म्यामार की जेल में कैद रॉयटर के रिपोर्टरों ने सुप्रीम कोर्ट में की अपील
म्यामां के नागरिक एवं रिपोर्टर वा लोन (32) और क्याव सो ओ (28) को दिसंबर 2017 में यांगून में गिरफ्तार किया गया था। सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन करने को लेकर बाद में उन्हें जेल भेज दिया गया था।
यांगून। रोहिंग्या संकट की रिपोर्टिंग करने से जुड़े आरोपों को लेकर म्यामां में सात साल की कैद की सजा का सामना कर रहे समाचार एजेंसी रॉयटर के दो पत्रकारों के वकीलों ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की। कानूनी प्रक्रिया के जरिए राहत पाने का यह उनके लिए आखिरी मौका है।
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म्यामां के नागरिक एवं रिपोर्टर वा लोन (32) और क्याव सो ओ (28) को दिसंबर 2017 में यांगून में गिरफ्तार किया गया था। सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन करने को लेकर बाद में उन्हें जेल भेज दिया गया था।
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समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने कहा है कि रोहिंग्या लोगों के नरसंहार की उनकी रिपोर्टिंग को दबाने के लिए उनके रिपोर्टरों पर ये आरोप लगााए गए। गौरतलब है कि जनवरी में यांगून के हाई कोर्ट ने उनकी शुरूआती अपील खारिज कर दी थी, जिसके बाद उनके पास कानूनी प्रक्रिया के तहत सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प बचा था।
A #Myanmar policeman who told a court last year how officers planted secret documents on two #Reuters reporters in order to “entrap” them was released from prison on Friday, after being sentenced to a year in jail for violating police discipline.https://t.co/XmnMywmS2H
— DT Next (@dt_next) February 1, 2019
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