पवित्र स्थल मक्का में चोरी-छिपे पहुंचा यह गैर मुस्लिम, वीडियो देखकर सोशल मीडिया में मचा हड़कंप
क्षेत्रीय सहयोग मंत्री इसावी फ्रेज ने यहूदी इजरायली पत्रकार के मक्का घूमने और वहां से रिपोर्टिंग करने को बेवकूफाना बताया है। उन्होंने कहा कि मुझे खेद है कि यह एक बेवकूफाना हरकत है और इसमें गर्व महसूस करने जैसा कुछ नहीं है। महज टीवी की रेटिंग्स के लिए रिपोर्टिंग करना एक गैरजिम्मेदाराना काम है।
सऊदी अरब के पवित्र स्थल मक्का में गैर मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रतिबंध है लेकिन इजरायल का एक पत्रकार मक्का में चोरी-चुपके पहुंचा और वहां से रिपोर्टिंग तक की। बता दें कि पत्रकार मुस्लिम नहीं बल्कि यहूदी है और इसको लेकर
इजरायल समेत सऊदी अरब में हंगामा मच गया है। इन सब के बीच अब इजरायल सरकार के एक मंत्री का बयान आया है।
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क्षेत्रीय सहयोग मंत्री इसावी फ्रेज ने यहूदी इजरायली पत्रकार के मक्का घूमने और वहां से रिपोर्टिंग करने को बेवकूफाना बताया है। उन्होंने कहा कि मुझे खेद है कि यह एक बेवकूफाना हरकत है और इसमें गर्व महसूस करने जैसा कुछ नहीं है। महज टीवी की रेटिंग्स के लिए रिपोर्टिंग करना एक गैरजिम्मेदाराना काम है। इजरायल के इतिहास में दूसरे मुस्लिम मंत्री रहे फ्रेज ने कहा कि इससे इजरायल और सऊदी अरब के रिश्तें संभलने की जगह और बिगड़ेंगे। फ्रेज ने कहा कि, यह मुस्लिमों का पवित्र स्थल है और वहां जाने को कोई मतलब नहीं था। वहां से रिपोर्टिंग करनी ही थी तो किसी मुस्लिम पत्रकार को भेजा जाता। इस घटना से कापी नुकसान हो सकते हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, टीवी पत्रकार इजरायल के चैनल 13 में काम करते है और उनका नाम गिल तमारी है। वह सऊदी अरब के शहर मक्का घूमने गए थे और वहां से उन्होंने रिपोर्टिंग की थी। इसके बाद से ही हंगामा मच गया। हालांकि, टीवी पत्रकार और चैनल ने इसको लेकर माफी भी मांग ली है। पत्रकार गिल के इस 10 मिनट डॉक्यूमेंट्री फिल्म को मक्का के कई हिस्सों में शूट किया गया। इस दौरान यहूदी पत्रकार गिल ने मक्का की ग्रैंड मस्जिद का भी दौरा किया और बाद में वह माउंट अराफात भी पहुंचे।
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इस डॉक्यूमेंट्री के लिए तमारी ने हिब्रू भाषा में रिपोर्टिंग की। उन्होंने कई जगह अंग्रेजी भाषा का भी इस्तेमाल किया ताकि यह जाहिर नहीं हो कि वह इजरायली हैं। बता दें कि इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी बवाल मच गया है।सोशल मीडिया पर 'ज्यू इन द हरम' हैशटैग का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक यूजर ने ट्वीट किया कि मक्का के नेक लोग और डॉ मूसा अल-शरीफ जैसे महान स्कॉलर सऊदी की जेलों में हैं लेकिन एक यहूदी मक्का की सड़कों पर घूम रहा है। इजरायल समर्थक भी इसकी आलोचना कर रहे हैं।
מכה היא העיר הכי קדושה לאיסלאם ומוקפת בכניסתה במצלמות משוכללות כדי למנוע כניסה למי שאינו מוסלמי. גיל תמרי היה לכתב הישראלי הראשון שהצליח להיכנס ולצאת למסע בעיר. ומה קרה כשחשדו בו? הכתבה המלאה - הערב במהדורה המרכזית@tamarygil pic.twitter.com/BzYKXP06P0
— חדשות 13 (@newsisrael13) July 18, 2022
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