Prabhasakshi Exclusive: Interim Government के हाथों में बागडोर आने के बाद अब कैसा रहेगा Bangladesh का भविष्य?

Bangladesh Flag
Creative Commons licenses

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि देखा जाये तो शेख हसीना के शासनकाल के दौरान गबन के आरोप में उत्पीड़न का सामना करने वाले नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस का जीवन यकायक पूरी तरह से बदल गया है।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि बांग्लादेश में जिस तरह की अराजकता फैली हुई है उसको देखते हुए आपको भारत के इस पड़ोसी देश का क्या भविष्य नजर आ रहा है? उन्होंने कहा कि छात्र आंदोलन में जिस तरह से अन्य कट्टरपंथी संगठन शामिल हुए उससे लग गया था कि यह देश कट्टरपंथियों के हाथों में जा रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि अब अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है। उम्मीद है कि यह सरकार व्यवस्था बहाल करेगी, दमन को समाप्त करेगी और सत्ता के लोकतांत्रिक हस्तांतरण के लिए निष्पक्ष चुनाव कराएगी। उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार का एक कर्तव्य व्यवस्था बहाल करना होगा, जो शेख हसीना सरकार के पतन के बाद पिछले कुछ दिनों से चरमरा गई है। उन्होंने कहा कि दूसरा काम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि देखा जाये तो शेख हसीना के शासनकाल के दौरान गबन के आरोप में उत्पीड़न का सामना करने वाले नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस का जीवन यकायक पूरी तरह से बदल गया है। हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने के बाद अब यूनुस बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुखिया बन गए हैं। उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस को ‘‘सबसे गरीब लोगों का बैंकर’’ भी कहा जाता है। इसे लेकर उन्हें आलोचना का सामना भी करना पड़ा था और एक बार शेख हसीना ने यूनुस को ‘‘खून चूसने वाला’’ कहा था। उन्होंने कहा कि वह हसीना के कटु आलोचक और विरोधी माने जाते हैं।

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive: Iran ने धमकी और चेतावनी तो बहुत दी, मगर Israel पर हमला करने की हिम्मत क्यों नहीं दिखा पा रहा?

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि पेशे से अर्थशास्त्री और बैंकर यूनुस को गरीब लोगों, विशेष रूप से महिलाओं की मदद के लिए माइक्रोक्रेडिट के उपयोग में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कहा कि यूनुस ने 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की थी ताकि उन उद्यमियों को छोटे ऋण उपलब्ध कराए जा सकें जो सामान्यतः उन्हें प्राप्त करने के योग्य नहीं होते। लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में बैंक की सफलता ने अन्य देशों में भी इसी तरह के लघु वित्त पोषण के प्रयासों को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि यूनुस को 2008 में हसीना सरकार की कार्रवाई का सामना करना पड़ा जब उनके प्रशासन ने यूनुस के खिलाफ कई जांच शुरू कीं। यूनुस ने पहले घोषणा की थी कि वह 2007 में एक राजनीतिक पार्टी बनाएंगे, हालांकि उन्होंने अपनी योजना पर अमल नहीं किया। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान हसीना ने यूनुस पर ग्रामीण बैंक के प्रमुख के तौर पर गरीब ग्रामीण महिलाओं से ऋण वसूलने के लिए बल और अन्य तरीकों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हालांकि यूनुस ने आरोपों से इंकार किया था।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि हसीना की सरकार ने 2011 में बैंक की गतिविधियों की समीक्षा शुरू की और यूनुस को सरकारी सेवानिवृत्ति नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में प्रबंध निदेशक के पद से हटा दिया गया। 2013 में उन पर बिना सरकारी अनुमति के पैसे लेने के आरोप में मुकदमा चलाया गया, जिसमें उनका नोबेल पुरस्कार और एक किताब से रॉयल्टी भी शामिल थी। उन्होंने कहा कि इस साल की शुरुआत में बांग्लादेश में एक विशेष न्यायाधीश की अदालत ने यूनुस और 13 अन्य लोगों पर 20 लाख अमेरिकी डॉलर के गबन के मामले में आरोप तय किए थे। यूनुस ने खुद को निर्दोष बताया और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। उन्होंने कहा कि यूनुस के समर्थकों का कहना है कि हसीना के साथ उनके खराब संबंधों के कारण उन्हें निशाना बनाया गया है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि बांग्लादेश का भविष्य अब युवा ही तय करेंगे। उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने भी कहा है कि देश अब युवाओं के हाथ में है। उन्होंने कहा कि लेकिन देखना यह होगा कि यह युवा वाकई अपने देश का उत्थान चाहते हैं या वह किसी और देश के इशारों पर नाच रहे हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश को फिर से स्थिर होने में अभी कुछ समय लगेगा इसलिए हमें अंतरिम सरकार को काम करके दिखाने के लिए कुछ समय देना ही चाहिए।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़