अमेरिका में गिरफ्तार छात्रों की मदद के लिए भारतीय दूतावास ने शुरू की हॉटलाइन
भारतीय दूतावास ने भारतीयों द्वारा चलाए जा रहे ‘‘पे एंड स्टे’’ गिरोह का भंडाफोड़ होने से प्रभावित हुए भारतीय छात्रों की मदद से संबंधित सभी मुद्दों से निपटने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
वाशिंगटन। अमेरिका में भारतीय दूतावास ने ‘‘पे एंड स्टे’’ विश्वविद्यालय वीजा घोटाले में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किए गए 129 भारतीय छात्रों की मदद के लिए 24/7 हॉटलाइन शुरू की है। गौरतलब है कि अमेरिका में बने रहने के लिए एक फर्जी विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के लिए गिरफ्तार किए गए 130 विदेशी छात्रों में 129 भारतीय हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि भारतीय दूतावास के दो वरिष्ठ अधिकारी दो नंबरों 202-322-1190 और 202-340-2590 पर चौबीस घंटे उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा गिरफ्तार छात्र, उनके दोस्त और परिवार के सदस्य दूतावास से [email protected] संपर्क कर सकते हैं।
भारतीय दूतावास ने भारतीयों द्वारा चलाए जा रहे ‘‘पे एंड स्टे’’ गिरोह का भंडाफोड़ होने से प्रभावित हुए भारतीय छात्रों की मदद से संबंधित सभी मुद्दों से निपटने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। इस घटना से कम से कम 600 छात्र मुसीबत में फंस गए हैं। अमेरिका के आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग ने गुरुवार तक ग्रेटर डेट्रॉइट इलाके में फर्मिंगटन विश्वविद्यालय से 130 छात्रों को गिरफ्तार किया था।
For queries and assistance related to the detention of Indian students in the US, please contact our special 24/7 helpline. pic.twitter.com/iorYgZ5cxX
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) February 2, 2019
भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को कहा, ‘‘भारतीय दूतावास, वाशिंगटन और अमेरिका में सभी पांच वाणिज्य दूतावास अमेरिका में हिरासत में लिए गए भारतीय छात्रों की मदद के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।’’ ह्यूस्टन में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने टेक्सास में हिरासत केंद्र में गिरफ्तार भारतीय छात्रों से मुलाकात की। भारतीय दूतावास और उसके वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों की दखल से कुछ छात्रों को रिहा कराया गया। गिरफ्तार भारतीय छात्रों के कुछ दोस्त और परिवार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से टि्वटर पर मदद मांग रहे हैं।
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माधुरी नाम की एक महिला ने टि्वटर पर स्वराज से कहा, ‘‘मैडम, फर्जी विश्वविद्यालय मामले में मेरे पति को आज सुबह हिरासत में ले लिया गया और मुझे अभी तक उनकी स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं है। क्या आप मेरी इस मुद्दे पर मदद कर सकती हैं।’’ इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए भारतीय दूतावस ने उनके पति की जानकारियां मांगी। उनके पति फर्जी विश्वविद्यालय में एक छात्र थे।
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नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘‘हमें इस घटना की जानकारी है। हम वाशिंगटन और अमेरिका में विभिन्न वाणिज्य दूतावास से और जानकारियों का पता लगा रहे हैं। हमने इस घटना से प्रभावित भारतीय छात्रों की हरसंभव मदद करने के लिए अमेरिका में भारतीय समुदाय के संगठनों को भी सूचित किया है।’’
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