रूस की विक्ट्री डे परेड में दिखा भारतीय सेना का दम, तीनों टुकड़ियों ने लिया भाग
आधिकारिक बयान के अनुसार, भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों अंगों की 75 सदस्यीय टुकड़ी ने रूसी सशस्त्र बलों और 17 देशों की सैन्य टुकड़ियों के साथ इस परेड में हिस्सा लिया।बयान के अनुसार, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश भारतीय सशस्त्र बल मित्र राष्ट्र की सेना का सबसे बड़ा हिस्सा थे।
मास्को। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारतीय सेना के तीनों अंगों की 75 सदस्यीय टुकड़ी का यहां ऐतिहासिक लाल चौक पर आयोजित रूस के 75वें विजय दिवस परेड में भाग लेना उनके लिए गर्व की बात है। सिंह 75वीं विजय दिवस परेड में शामिल होने के लिए रूस के रक्षा मंत्रालय के निमंत्रण पर तीन दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को यहां पहुंचे थे। सिंह ने आज ट्वीट किया, ‘‘1941-1945 के महान राष्ट्रभक्ति युद्ध में सोवियत लोगों की विजय की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आज मास्को के लाल चौक पर आयोजित विजय दिवस परेड में मैं भी शामिल हो रहा हूं।’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मुझे गर्व है कि भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों अंगों की एक टुकड़ी भी इस परेड में शामिल हो रही है।’’ सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘मास्को में विजय दिवस परेड पर भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं की टुकड़ी की शानदार उपस्थिति मेरे लिए अत्यंत गर्व एवं प्रसन्नता की बात है।’ आधिकारिक बयान के अनुसार, भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों अंगों की 75 सदस्यीय टुकड़ी ने रूसी सशस्त्र बलों और 17 देशों की सैन्य टुकड़ियों के साथ इस परेड में हिस्सा लिया।
रूस: भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों सेनाओं की एक टुकड़ी ने मॉस्को के रेड स्क्वायर में विजय परेड में हिस्सा लिया। pic.twitter.com/HVll1wR53f
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 24, 2020
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बयान के अनुसार, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश भारतीय सशस्त्र बल मित्र राष्ट्र की सेना का सबसे बड़ा हिस्सा थे और उन्होंने उत्तरी और पूर्वी अफ्रीका के अभियानों, पश्चिमी रेगिस्तान के अभियानों और बड़ी ताकतों का सामना किया था। इन अभियानों में 87,000 से ज्यादा भारतीय सैनिक शहीद हुए थे और 34,354 घायल हुए थे। बयान में कहा गया है कि भारतीय सैनिकों ने ना सिर्फ सभी मोर्चों पर लड़ाई की बल्कि तमाम अन्य मार्चों पर लड़ रहे सैनिकों को रसद, हथियार, गोला-बारुद, पहुंचाया, उन्होंने सोविधत संघ, ईरान और इराक तक रसद पहुंचायी। सिंह ने मंगलवार को रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव के साथ मुलाकात की और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों एवं क्षेत्रीय मामलों पर चर्चा की और भारत एवं रूस के बीच रक्षा सहयोग की समीक्षा की। मंगलवार को एक बयान में कहा गया कि राजनाथ सिंह ने 75वें विजय दिवस के लिए रूस को शुभकामनाएं दीं तथा रूस और भारत की साझी सुरक्षा के लिए योगदान देने वाले रूस के ‘‘मित्रवत’’ लोगों, विशेषकर सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों को बधाई दी।
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परेड को देखने वालों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, युद्ध में भाग ले चुके पूर्व सैनिक और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित तमाम अन्य अतिथि शामिल थे। स्पूतनिक इंटरनेशनल की खबर के अनुसार, इस साल परेड में 14,000 सैनिकों और सैकड़ों रक्षा मशीनों तथा उपकरणों ने हिस्सा लिया जिनमें 30 ऐतिहासिक टी-34टैंक भी शामिल थे। आधुनिक वाहनों ने भी इसमें हिस्सा लिया जिनमें एएफवी टर्मिनेटर, टी-72 और टी-14 अरमाता टैंक, 9के720 इस्कंदर मिसाइल प्रणाली और अन्य अत्याधुनिक तकनीक वाले सैन्य उपकरण शामिल हैं। खबर के अनुसार, परेड में विमानों और हेलीकॉप्टरों ने भी हिस्सा लिया और एसयू-25 ने पूरे आसमान को सफेद, नीले और लाल (रूस के राष्ट्रीय ध्वज) रंग में रंग दिया। रूस ने नौ मई को लाल चौक पर होने वाली सैन्य परेड को कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण पहले स्थगित कर दिया था। राष्ट्रपति पुतिन ने 26 मई को कहा था कि विजय दिवस परेड मास्को के लाल चौक पर 24 जून को आयोजित होगी। उन्होंने बताया था कि 24 जून को इसलिए चुना गया है क्योंकि इसी दिन 1945 में ऐतिहासिक विजय परेड हुयी थी और मास्को के लिए लड़ने और लेनिनग्राद की सुरक्षा करने वाले, स्टालिनग्राद मेंअपने मोर्चे पर डटे रहने वाले और बर्लिन को रौंद कर यूरोप को आजाद कराने वाले सैनिकों ने लाल चौक पर मार्च किया था। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर चार महीने तक यात्रा पर लगे प्रतिबंधों के बाद देश के किसी वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री की यह पहली विदेश यात्रा है।
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