युद्ध में भारत की भूमिका अहम, क्या इस वजह से पुतिन ने नहीं किया एटम बम का इस्तेमाल? अमेरिका का बड़ा बयान
द अटलांटिक को दिए एक साक्षात्कार में ब्लिंकेन ने कहा कि पुतिन अधिक तर्कहीन रूप से प्रतिक्रिया कर सकते हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन का रूस-यूक्रेन को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि इस युद्ध को खत्म करने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर काफी पहले ही परमाणु हमला कर चुके होते। जी20 शिखर सम्मेलन के लिए अपनी भारत यात्रा से पहले ब्लिंकेन ने युद्ध के मैदान में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का विरोध करने के लिए भारत और चीन को श्रेय दिया। द अटलांटिक को दिए एक साक्षात्कार में ब्लिंकेन ने कहा कि पुतिन अधिक तर्कहीन रूप से प्रतिक्रिया कर सकते हैं। मास्को से ऐसी भाषा निकल रही थी और लग रहा था कि रूस की तरफ से परमाणु हमला किया जा सकता है। यह एक चिंता का विषय था।
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ब्लिंकेन ने कहा, हमने उन सभी देशों इस युद्ध को खत्म करवाने के लिए आग्रह किया, जिनके संबंध रूप से अच्छे हैं। इसमें चीन और भारत भी शामिल है। इसका असर भी हुआ। दोनों देशों ने रूस को यूक्रेन पर परमाणु हमला करने से रोकने के लिए कोशिश की और ये सफल हुआ। चीन, भारत जैसे देश उन्हें (व्लादिमीर पुतिन) को परमाणु के किसी भी उपयोग के पूर्ण विरोध किया। ब्लिंकन ने कहा कि हम जानते हैं कि उन्होंने उन संदेशों को व्यक्त किया गया और मुझे लगता है कि इसका कुछ प्रभाव पड़ा।
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एंटनी ब्लिंकेन ने यह भी स्वीकार किया कि भारत और रूस के बीच दशकों पुराना संबंध है। लेकिन अब भारत और अमेरिका के बीच भी चीजें अनुकूल रूप से आगे बढ़ रही हैं। दशकों से भारत के पास मुख्य रूप से रूस था जो उसे और उसके बचाव के लिए सैन्य उपकरण प्रदान करता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में हमने जो देखा है वह रूस पर भरोसा करने और हमारे साथ और फ्रांस जैसे अन्य देशों के साथ साझेदारी में आगे बढ़ने का प्रक्षेपवक्र है।
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