आतंकवाद के खात्मा में भारत सबसे महत्वपूर्ण पार्टनर, UN में अमेरिकी की पाक को नसीहत, चीन की खिंचाई
अमेरिका ने 2008 के मुंबई हमलों के पाकिस्तान स्थित अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के बारे में भारत की चिंताओं को साझा किया। अमेरिका ने कहा कि "शर्मनाक" है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने के लिए नई दिल्ली और वाशिंगटन के प्रयासों को अवरुद्ध किया जा रहा है।
आतंकवाद एक ऐसा विषय है जिसके खिलाफ अमेरिका और भारत के बीच पहले से ही काफी गहरा सहयोग चल रहा है। संयुक्त राष्ट्र में सुधार के जरिये आतंकियों और आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर किस तरह से रोक लगाई जाए, इसको लेकर दोनों देशों के बीच लगातार सहयोग हो रहा है। अमेरिका ने 2008 के मुंबई हमलों के पाकिस्तान स्थित अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के बारे में भारत की चिंताओं को साझा किया। अमेरिका ने कहा कि "शर्मनाक" है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने के लिए नई दिल्ली और वाशिंगटन के प्रयासों को अवरुद्ध किया जा रहा है।
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अमेरिका के लिए आतंकवाद का खात्मा एक बड़ा मुद्दा है और इस क्षेत्र में भारत सिर्फ एशिया में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में उसका सबसे महत्वपूर्ण पार्टनर है। लू ने सीधे तौर पर नाम तो नहीं लिया लेकिन उनका इशारा साफ तौर पर चीन पर था जिसने यूएनएससी में भारत और अमेरिका की तरफ से पाक में शरण पाए कुछ खूंखार आंतकियों को प्रतिबंधित करने के संयुक्त प्रस्ताव को वीटो ला कर गिरा दिया है। जिन पाक समर्थित आतंकियों को चीन ने बचाया है उसमें वर्ष 2008 के आतंकी हमले के प्रमुख साजिशकर्ता साजिद मीर और लश्कर-ए-तैयबा का अब्दुल मक्की भी है।
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