Prabhasakshi NewsRoom: Imran Khan को चने की झाड़ पर चढ़ाकर PTI के सभी बड़े नेता London भाग गये

Imran Khan
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इमरान खान की जेल के अंदर की दशा तो बुरी है ही साथ ही बाहर उनकी पार्टी की दशा और भी बुरी हो गयी है। इमरान खान को इससे पहले जब हाल ही में गिरफ्तार किया गया था तब पूरे पाकिस्तान में जमकर बवाल हुआ था।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान बचपन से ही ऐशो आराम की जिंदगी जीने के आदी हैं लेकिन इस समय अटक जेल में बंद हैं और बुनियादी सुविधाओं तक के लिए तरस रहे हैं। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों पर गौर करें तो पता चलता है कि उनको “9 गुणा 11 फुट की छोटी कोठरी” में रखा गया है। यह छोटी कोठरी आतंकवादियों को रखने के लिए बनाई जाती है। इस छोटी कोठरी में एक खुला शौचालय है जिसको इमरान खान उपयोग कर सकते हैं लेकिन उन्हें इस कोठरी में खुले शौचालय की बदबू के साथ ही रहना पड़ता है। इस कोठरी में दिन में मक्खियां और रात में चींटियां आती रहती हैं। इस कोठरी में अंधेरा रहता है और इमरान खान की मांग के बावजूद उनके लिए कोई टीवी या अखबार उपलब्ध नहीं कराया गया है। इमरान खान को किसी से मिलने की इजाजत भी नहीं है। उनके साथ ऐसा बर्ताव किया जा रहा है कि जैसे वह आतंकवादी हों। इमरान खान के वकील ने बताया है कि उन्हें थोड़ा बहुत खाना खाने के लिए दिया जा रहा है। इमरान खान के वकील ने कहा है कि वह मर जाएंगे लेकिन सरकार के आगे झुकेंगे नहीं। इमरान खान को परिवार और परिचितों तथा उनकी पार्टी के नेताओं से भी नहीं मिलने दिया जा रहा है।

इमरान खान की जेल के अंदर की दशा तो बुरी है ही साथ ही बाहर उनकी पार्टी की दशा और भी बुरी हो गयी है। इमरान खान को इससे पहले जब हाल ही में गिरफ्तार किया गया था तब पूरे पाकिस्तान में जमकर बवाल हुआ था। बवालियों पर पाकिस्तान सरकार ने ऐसी कार्रवाई की कि इस बार इमरान खान के समर्थन में कोई सड़क पर नहीं निकल रहा है। इमरान खान की पार्टी के कुछ नेता पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और सरकार के डर से राजनीति छोड़ चुके हैं तो कुछ ने इमरान की पार्टी पीटीआई से त्यागपत्र दे दिया है। इमरान खान की पार्टी के कई बड़े नेता लंदन भाग गये हैं और वहां बीयर बार में बैठ कर इमरान के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं या वीडियो जारी कर रहे हैं। इमरान खान को जब सड़कों पर अपनी पार्टी के नेताओं की जरूरत है तो उनके नेता लंदन जाकर बैठ गये हैं और जब सड़कों पर नेता ही नहीं हैं तो कार्यकर्ता भी उतरने से बच रहे हैं। ऐसे में अंधेरी कोठरी में बंद इमरान खान का भविष्य और अंधकारमय ही नजर आ रहा है। इमरान खान की जो हालत है उसे देखकर यह भी कहा जा सकता है कि सरकार से भिड़ने के लिए पीटीआई नेताओं ने इमरान खान को चने की झाड़ पर चढ़ाया और खुद लंदन भाग गये। इमरान के समर्थन में उनकी पार्टी के समर्थक दूसरे देशों की सड़कों पर प्रदर्शन करते दिख जायेंगे लेकिन पाकिस्तान में उनकी पार्टी के कार्यालय में सन्नाटा छाया हुआ है।

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इस बीच, इमरान खान की पार्टी ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री के बचपन से ही अमीर होने की दुहाई दी है। उनकी पार्टी ने इमरान खान को उनकी समृद्ध पारिवारिक पृष्ठभूमि, सामाजिक और राजनीतिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए पंजाब प्रांत की अटक जेल से रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अडियाला जेल में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के वकील ने एक याचिका में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से अपदस्थ प्रधानमंत्री को वहां स्थानांतरित करने का अनुरोध किया जहां ए-श्रेणी की सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि उनके परिवार, वकीलों और उनके चिकित्सक डॉ. फैसल सुल्तान को उनसे मिलने की इजाजत दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने वकीलों, कानूनी टीम और परिवार से मिलना पार्टी अध्यक्ष का मौलिक अधिकार है। याचिका में कहा गया, “याचिकाकर्ता बचपन से ही एक संपन्न परिवार से हैं, और बाद में अपनी शिक्षा, आदतों और समाज में सामाजिक और राजनीतिक स्थिति के कारण वह बेहतर जीवन जीते आए हैं। याचिका में कहा गया है कि इमरान खान ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक हैं और पाकिस्तान की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे हैं।” याचिका में कहा गया, “याचिकाकर्ता की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति, उनकी शिक्षा और बेहतर जीवन शैली के आदी होने को ध्यान में रखते हुए, याचिकाकर्ता पाकिस्तान जेल नियमों के नियम 248 के साथ पढ़े गए नियम 243 के संदर्भ में ए-क्लास सुविधाओं के हकदार हैं।”

हम आपको याद दिला दें कि इमरान खान (70) को इस्लामाबाद की एक अदालत द्वारा तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में “भ्रष्ट आचरण” का दोषी पाने और तीन साल जेल की सजा सुनाए जाने के कुछ समय बाद शनिवार को लाहौर में उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद, उन्हें पंजाब प्रांत के अटक शहर में अटक जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था, हालांकि अदालत ने अपने आदेश में अधिकारियों को उन्हें रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अडियाला जेल में रखने का निर्देश दिया था।

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