Vishwakhabram: Trump के पद संभालने से पहले कांप रहे हैं अमेरिकी मुस्लिम, Shamsud Din Jabbar के आतंकी कृत्य ने सबको मुसीबत में डाला

Donald Trump
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एफबीआई के उप सहायक निदेशक क्रिस्टोफर राया ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह पूर्व नियोजित और एक दुष्ट कृत्य था। उन्होंने कहा कि जब्बार इराक और सीरिया में लड़ाकों वाले आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट से प्रेरित था।

अमेरिका में हालिया आतंकवादी हमलों के पीछे मुस्लिमों का हाथ होने के चलते वहां रह रहे मुस्लिम समुदाय के मन में तमाम तरह की आशंकाएं देखी जा रही हैं। खासकर नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह हालिया हमलों को अवैध आप्रवासियों से जोड़ा है उसके चलते विशेष रूप से मुस्लिमों के बीच चिंता देखी जा रही है। हम आपको बता दें कि ट्रंप ने कहा है कि हमारे देश में अपराध दर उस स्तर पर है जैसी पहले कभी किसी ने नहीं देखी। उन्होंने अपराधों से सीधे-सीधे आप्रवासियों को जोड़ दिया।

ट्रंप के बयान के बाद अमेरिका में तमाम मुस्लिम संगठनों की ओर से बयान जारी कर पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की जा रही है और चरमपंथी विचारधारा को खारिज किया जा रहा है। अमेरिका में मुस्लिम अधिकार और सामाजिक संगठनों के बीच यह बताने की होड़ लग गयी है कि उनका समाज किसी भी प्रकार की चरमपंथी विचारधारा का समर्थन नहीं करता। इस तरह की रिपोर्टें भी देखने को मिल रही हैं कि मुस्लिम संगठन अपने समाज के लोगों को मीडिया के सवालों से बचने की सलाह दे रहे हैं और किसी एजेंसी द्वारा संपर्क करने पर इस्लामी संगठनों के प्रतिनिधियों को इस बात की सूचना देने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

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हम आपको बता दें कि न्यू ऑरलियंस में नए साल के स्वागत का जश्न मना रहे लोगों पर हमला करने वाला व्यक्ति शम्सुद्दीन जब्बार आईएसआईएस का कट्टर समर्थक था। न्यू ऑरलियंस में नए साल के स्वागत का जश्न उस वक्त त्रासदी में बदल गया था जब जब्बार ने जश्न मना रहे लोगों पर पिकअप ट्रक चढ़ा दिया था। इस घटना में 14 लोगों की मौत हो गई थी और 35 अन्य घायल हो गए थे। आरोपी टेक्सास राज्य का 42 वर्षीय पूर्व सैनिक था और वह स्थानीय पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया। बताया जा रहा है कि जब्बार ने इस्लामिक स्टेट के प्रति निष्ठा की प्रतिज्ञा ली थी और ऐसा प्रतीत होता है कि उसने एक रिकॉर्डिंग की थी जिसमें उसने संगीत, ड्रग्स और शराब की निंदा की थी। जब्बार अफगानिस्तान में भी सेवाएं दे चुका है। इस मामले की जांच का काम एफबीआई ने संभाल लिया है और उसने इसे आतंकवादी हमला करार देते हुए विभिन्न कोणों से इसकी जांच की बात कही है।

एफबीआई के उप सहायक निदेशक क्रिस्टोफर राया ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह पूर्व नियोजित और एक दुष्ट कृत्य था। उन्होंने कहा कि जब्बार इराक और सीरिया में लड़ाकों वाले आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट से प्रेरित था। राया ने कहा कि अभी यह कहना मुश्किल है कि कैसे एक अनुभवी सैनिक, रियल-एस्टेट एजेंट और प्रमुख कर और परामर्श फर्म डेलॉइट का कर्मचारी रहा व्यक्ति आईएसआईएस के प्रभाव में आ गया। जब्बार ने अमेरिकी सेना में 10 साल तक सेवा की थी और उसकी उम्र 42 थी। देखा जाये तो जो लोग इस्लामिक स्टेट की भर्ती का शिकार बनते हैं, वे आम तौर पर बहुत कम उम्र के होते हैं इसलिए सवाल उठ रहा है कि एक देशभक्त कैसे आईएसआईएस में शामिल हो गया। हम आपको बता दें कि अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन के निरंतर सैन्य अभियान से इस्लामिक स्टेट काफी कमजोर हो गया है, फिर भी इस्लामिक स्टेट ने सहानुभूति रखने वालों की ऑनलाइन भर्ती जारी रखी है।

वैसे अभी यह स्पष्ट नहीं है कि जब्बार का विदेशी चरमपंथी समूहों के साथ क्या संपर्क रहा होगा। अमेरिकी अधिकारियों और अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि इराक और सीरिया में 2014 में अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन के हाथों "खिलाफत" खोने के बाद से इस्लामिक स्टेट अपनी अधिकांश भर्ती ऑनलाइन चैटरूम और एन्क्रिप्टेड संचार ऐप्स पर करता है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इस्लामिक स्टेट ने अपनी भर्ती को बढ़ावा देने के लिए गाजा में इजरायल के युद्ध में हजारों फिलिस्तीनियों की मौत का इस्तेमाल किया है।

बताया जाता है कि चरमपंथी समूह नई भर्तियों को आकर्षित करने के लिए एक समान रणनीति का पालन करते हैं। यह समूह अपने संदेश को आगे बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं और फिर चर्चाओं को टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड ऐप पर ले जाते हैं। बताया जाता है कि जो लोग हमलों को अंजाम दे रहे हैं, वे अपने जीवन में कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति से नहीं मिले हैं जो आईएसआईएस का सदस्य है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे आईएसआईएस-प्रेरित हमले को अंजाम नहीं दे सकते। कारों को भीड़ से टकराना या चाकू से हमला करना बहुत कम बजट वाले हमले हैं (जिनसे) बचाव करना लगभग असंभव है।

जहां तक जब्बार की बात है तो आपको बता दें कि उसके सौतेले भाई ने मीडिया को बताया है कि उसने 20 की उम्र में इस्लाम को त्याग दिया था लेकिन हाल ही में इसे फिर से अपना लिया था। ऐसी भी जानकारी सामने आई है कि 11 महीने पहले उसने धार्मिक ऑडियो रिकॉर्डिंग की एक श्रृंखला बनाई थी जिसमें संगीत की बुराइयों पर कट्टरपंथी विचारों के साथ-साथ नशीली दवाओं और शराब की निंदा जैसे मुख्यधारा के इस्लामी विचार भी शामिल थे। जब्बार के सौतेले भाई अब्दुर जब्बार ने पुष्टि की है कि साउंडक्लाउड प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गई रिकॉर्डिंग जब्बार की थी। एक रिकॉर्डिंग में शम्सुद्दीन जब्बार कहता है, "संगीत शैतान की आवाज़ है... शैतान की आवाज़ भी लोगों को अल्लाह के रास्ते से भटका रही है।" अब्दुर जब्बार ने यह भी बताया है कि जब्बार के पिता को 2023 में स्ट्रोक हुआ था और वह उनकी देखभाल की व्यवस्था करने में मदद कर रहे थे। अदालत के रिकॉर्ड से यह भी पता चलता है कि सितंबर 2022 में जब्बार का दूसरी पत्नी से तलाक हो गया था। इसके अलावा, हमले की सुबह 1:29 बजे से 3:02 बजे के बीच उसने फेसबुक पर पांच वीडियो पोस्ट किए थे जिसमें उसने कहा था कि वह इस्लामिक स्टेट का समर्थन करता है। जब्बार ने वीडियो में यह भी कहा कि वह पिछली गर्मियों से पहले इस्लामिक स्टेट में शामिल हो गया था।

बहरहाल, पूरे मामले को लेकर अमेरिका की राजनीति गर्मा गयी है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि शम्सुद्दीन जब्बार ने अकेले ही इस घटना को अंजाम दिया तो वहीं ट्रंप ने कहा है कि बढ़ते हमलों के पीछे अवैध आप्रवासी हैं। ट्रंप के तेवरों और जब्बार की हरकत को देखकर स्थानीय मुस्लिमों के होश उड़ गये हैं।

-नीरज कुमार दुबे

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