अफगानिस्तान में अमेरिकी दूतावास के पास फिदायीन विस्फोट, 12 की मौत, 42 घायल
अफगानिस्तान में काबुल के राजनयिक क्षेत्र में तालिबान के एक फिदायीन ने बृहस्पतिवार को कार बम से विस्फोट कर दिया जिसमें अमेरिका और रोमानिया के एक-एक सैनिक की मौत हो गई और अफगानिस्तान के कम से कम 10 आम लोगों की जान चली गई। इस राजनयिक क्षेत्र में अमेरिकी दूतावास भी है। इस हफ्ते यह दूसरा हमला है। अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते को अंतिम रूप दिये जाने के दौरान यह विस्फोट हुआ है।
काबुल। अफगानिस्तान में काबुल के राजनयिक क्षेत्र में तालिबान के एक फिदायीन ने बृहस्पतिवार को कार बम से विस्फोट कर दिया जिसमें अमेरिका और रोमानिया के एक-एक सैनिक की मौत हो गई और अफगानिस्तान के कम से कम 10 आम लोगों की जान चली गई। इस राजनयिक क्षेत्र में अमेरिकी दूतावास भी है। इस हफ्ते यह दूसरा हमला है। अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते को अंतिम रूप दिये जाने के दौरान यह विस्फोट हुआ है। अफगान सरकार ने कहा कि यह समझौता जल्दबाजी में हो रहा है। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने एक बयान में कहा कि बेगुनाह लोगों की हत्या करने वाले समूह से शांति समझौता करना निरर्थक है।
Taliban claim responsibility for the deadly attack near the US embassy in Kabul which killed at least 10 people https://t.co/2qk453DcQF
— Al Jazeera English (@AJEnglish) September 5, 2019
नाटो रेजुलेट सपोर्ट मिशन ने बयान में कहा कि विस्फोट में दो सैनिकों की मौत हुई है। उन्होंने सैनिकों की पहचान के बारे में जानकारी नहीं दी है। अफगानिस्तान में बीते दो हफ्तों में जान गंवाने वाला अमेरिका का यह चौथा सैनिक है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहिमी ने कहा कि हमले में 42 लोग जख्मी हुए हैं और 12 वाहन नष्ट हो गए हैं। इसके कुछ घंटों के बाद, तालिबान ने पड़ोसी प्रांत के अफगान सैन्य अड्डे के बाहर एक कार से विस्फोट किया जिसमें चार आम लोगों की मौत हो गई। तालिबान ने कहा कि उसने ‘विदेशियों’ की गाड़ियों को निशाना बनाया है। उन्होंने भारी सुरक्षा व्यवस्था वाले शश दरक इलाके में घुसने की कोशिश की जहां अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग का दफ्तर है।
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राष्ट्रपति के प्रवक्ता सिद्दीकी सिद्दीकी ने ट्वीट किया कि हम सबने सुरक्षा कैमरों में देखा है कि किसे निशाना बनाया गया है। बहरहाल, नाटो रेजुलेट सपोर्ट मिशन का दफ्तर भी घटनास्थल के पास है और ब्रिटिश सैनिक नाटो के नष्ट हो चुके वाहन को हटा रहे थे। सोशल मीडिया में साझा की जा रही वीडियो में दिख रहा है कि मानव बम की गाड़ी नाके पर मुड़ रही है और इसमें विस्फोट हो जाता है। एक बार फिर से पीड़ितों में आम लोगों की संख्या ज्यादा है। स्थानीय अस्पताल में घायल निज़ामुद्दीन खान ने बताया कि उन्हें यह याद नहीं है कि उन्हें अस्पताल कौन लेकर आया। विस्फोट के कुछ घंटों बाद लोगार प्रांत की राजधानी पुल-ए-आलम में अफगान विशेष बलों के सैन्य अड्डे के बाहर कार से किए गए बम विस्फोट की जिम्मेदारी तालिबान ने ली।
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प्रांतीय परिषद के प्रमुख हसीबुल्ला स्तानकजई ने बताया कि कम संख्या में अंतरराष्ट्रीय बल भी इलाके में है। गवर्नर अनवर खान एस-हकज़ई ने कहा कि चार असैन्य लोगों की मौत हो गई है और चार अन्य जख्मी हुए हैं। तालिबान ने सोमवार देर शाम को एक विदेशी परिसर कोनिशाना बनाया था जिसमें कम से कम 16 लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा जख्मी हुए थे। इनमें तकरीबन सभी स्थानीय असैन्य लोग थे। अमेरिकी दूत ज़लमी खलीलज़ाद इस हफ्ते काबुल में हैं। वह अफगानिस्तान के राष्ट्रपति और अन्य अधिकारियों को अमेरिका-तालिबान के बीच समझौते के बाबत जानकारी देने के लिए आए हुए हैं। यह समझौता करीब 18 साल की जंग को खत्म करेगा। उन्होंने कहा कि समझौते को असलियत बनने के लिए सिर्फ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मंजूरी मिलने की जरूरत है।
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खलीलज़ाद ने इस हफ्ते हुए हमलों पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है। अफगान सरकार ने इस समझौते को लेकर गंभीर चिंताएं प्रकट की हैं। बृहस्पतिवार को हुए विस्फोट के बाद फिर से चिंता जताई गई है। राष्ट्रपति के सलाहकार वहीद उमर ने पत्रकारों से कहा कि यह समझौता जल्दबाजी में हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुश्किल दिन आने वाले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस सांप ने पहले भी अफगान लोगों को डसा है। उमर ने यह टिप्पणी पुराने समझौते के संदर्भ में की। पहले की ही तरह अब भी अफगान सरकार को अलग रखा गया है।
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