Egypt ने Sudan में फंसे अपने सैन्यकर्मियों को सकुशल निकाला
सूडानी सेना और आरएसएफ के बीच संघर्ष विराम का नवीनतम प्रयास नाकाम दिख रहा है क्योंकि राजधानी खार्तूम में भीषण गोलाबारी होने की खबर है। हिंसा को रोकने के लिए वैश्विक दबाव विफल रहने के बाद जापान और नीदरलैंड ने सूडान से अपने नागरिकों की निकासी के लिए परिवहन विमानों का सहारा लिया।
मिस्र ने सूडान के अर्धसैनिक बल द्वारा हिरासत में लिए गए अपने दर्जनों सैन्यकर्मियों को बृहस्पतिवार को सकुशल निकाल लिया। सूडान में सत्ता नियंत्रण को लेकर सेना और अर्धसैनिक बल ‘रैपिड सपोर्ट फोर्स’ (आरएसएफ) के बीच संघर्ष जारी है। सूडानी सेना और आरएसएफ के बीच संघर्ष विराम का नवीनतम प्रयास नाकाम दिख रहा है क्योंकि राजधानी खार्तूम में भीषण गोलाबारी होने की खबर है। हिंसा को रोकने के लिए वैश्विक दबाव विफल रहने के बाद जापान और नीदरलैंड ने सूडान से अपने नागरिकों की निकासी के लिए परिवहन विमानों का सहारा लिया।
आरएसएफ ने मेरोव हवाई अड्डे पर हमले के दौरान मिस्र की वायु सेना के तकनीकी पेशेवरों को हिरासत में ले लिया था। सूडानी सेना के करीबी सहयोगी मिस्र ने कहा कि सैन्यकर्मी प्रशिक्षण और संयुक्त अभ्यास के लिए वहां गए थे। मिस्र की सेना ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि उसके तकनीकी दल को सैन्य विमानों के जरिये वापस स्वदेश लाया गया है। सूडान की सेना ने मिस्र वापस गए सैन्यकर्मियों की संख्या 177 बताई है। सेना और आरएसएफ ने देश के विभिन्न हिस्सों में पांच दिनों की लड़ाई के बाद बुधवार शाम से 24 घंटे का संघर्ष विराम शुरू किया है।
उससे एक दिन पहले भी संघर्षविराम की शुरुआत हुई थी लेकिन वह नाकाम रहा और दोनों पक्षों के बीच भीषण गोलाबारी हुई। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार इस लड़ाई में अब तक कम से कम 330 लोग मारे गए हैं और 3,000 घायल हुए हैं, लेकिन मृतकों की संख्या कहीं अधिक हो सकती है क्योंकि कई शव सड़कों पर पड़े हुए हैं। बुधवार की रात और बृहस्पतिवार की सुबह खार्तूम में गोलाबारी की आवाज़ लगातार सुनी जा सकती थी।
निवासियों के अनुसार गोलाबारी और हवाई हमलों में पिछले दिनों की तुलना में कुछ कमी आई है लेकिन अब भी कई विस्फोट होने की खबर है। इस लड़ाई का असर देश की स्वास्थ्य सेवा पर भी पड़ा है और खार्तूम जैसे प्रमुख नगर के अस्पतालों में चिकित्सा आपूर्ति काफी कम हो गई है। अस्पतालों में अक्सर बिजली और पानी की आपूर्ति बंद हो जाती है। सूडानी डॉक्टर्स सिंडिकेट ने कहा कि देश भर में संघर्ष स्थलों के पास करीब 70 प्रतिशत अस्पतालों में इलाज नहीं हो पा रहा है और कम से कम नौ अस्पतालों पर बमबारी की गई है।
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