नस्ली समानता के लिए संघर्ष करने वाले डेसमंड टूटू का हुआ निधन, 90 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

desmond tutu

रंगभेद के कट्टर विरोधी, काले लोगों के दमन वाले दक्षिण अफ्रीका के क्रूर शासन के खात्मे के लिए टूटू ने अहिंसक रूप से अथक प्रयास किए। उत्साही और मुखर पादरी ने जोहानिसबर्ग के पहले काले बिशप और बाद में केप टाउन के आर्चबिशप के रूप में अपने उपदेश-मंच का इस्तेमाल किया।

जोहानिसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका में नस्ली न्याय और एलजीबीटी अधिकारों के संघर्ष के लिए नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले सक्रिय कार्यकर्ता एवं केप टाउन के सेवानिवृत्त एंग्लिकन आर्चबिशप डेसमंड टूटू का निधन हो गया है। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने रविवार को यह जानकारी दी। टूटू 90 वर्ष के थे। 

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रंगभेद के कट्टर विरोधी, काले लोगों के दमन वाले दक्षिण अफ्रीका के क्रूर शासन के खात्मे के लिए टूटू ने अहिंसक रूप से अथक प्रयास किए। उत्साही और मुखर पादरी ने जोहानिसबर्ग के पहले काले बिशप और बाद में केप टाउन के आर्चबिशप के रूप में अपने उपदेश-मंच का इस्तेमाल किया और साथ ही घर तथा विश्व स्तर पर नस्ली असमानता के खिलाफ जनता की राय को मजबूत करने के लिए लगातार सार्वजनिक प्रदर्शन किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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