दक्षिण-पूर्वी एशिया में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले, इन तीन देशों में बढ़ा मृत्युदर
देश में पहली बार 13 जुलाई को संक्रमण के 10 हजार से अधिक मामले सामने आए। म्यांमा के सबसे बड़े शहर में कब्रिस्तान के कर्मी दिन रात काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य प्रणालियां हालात से निपटने के लिए संघर्ष कर रही हैं जबकि सरकारें वायरस को फैलने से रोकने के लिये नयी पाबंदियां लगाने को लेकर असमंजस में हैं।
कुआलालंपुर। कोरोना वायरस की नयी लहर में दक्षिण-पूर्वी एशिया क्षेत्र में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और बीते दो सप्ताह में यहां के कम से कम तीन देशों में मृत्युदर भारत से अधिक हो गई है। लगभग 27 करोड़ की आबादी के साथ दुनिया के चौथे सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश इंडोनेशिया में बृहस्पतिवार को मौत के 1,449 मामले सामने आए, जो महामारी फैलने के बाद से एक दिन में मृतकों की सबसे अधिक संख्या है। मलेशिया में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन पाबंदियां भी संक्रमण पर लगाम लगाने में नाकाफी साबित हुईं। लगभग 3 करोड़ 20 लाख की आबादी वाले इस देश में संक्रमण के मामलों में रोजाना वृद्धि देखी जा रही है।
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देश में पहली बार 13 जुलाई को संक्रमण के 10 हजार से अधिक मामले सामने आए। म्यांमा के सबसे बड़े शहर में कब्रिस्तान के कर्मी दिन रात काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य प्रणालियां हालात से निपटने के लिए संघर्ष कर रही हैं जबकि सरकारें वायरस को फैलने से रोकने के लिये नयी पाबंदियां लगाने को लेकर असमंजस में हैं। टीकाकरण की प्रक्रिया फिलहाल भले ही धीमी है, लेकिन धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही हैं। इस बात को लेकर भी चिंताएं बढ़ रही हैं कि चीन के सिनोवेक टीके डेल्टा वेरिएंट पर कम असरदार हैं। इंडोनेशिया और थाइलैंड अन्य टीकों की बूस्टर खुराकें देने की योजना बना रहे हैं। मलेशिया में टीकाकरण की दर धीमी रही है। लगभग 15 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह टीके लगाए जा चुके हैं।सरकार को उम्मीद है कि इस साल के अंत तक अधिकतर लोगों को टीका लगा दिया जाएगा।
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