चीन में कोरोना का तांडव, कई शहरों में लॉकडाउन, 16.5 करोड़ लोग घरों में कैद, जीरो कोविड पॉलिसी पर अड़ी सरकार
सरकार की कठोर नीति की वजह से लोगों को भोजन की सामग्री तक इकट्ठा करने में दिक्कत हो रही है। दावा तो यह भी किया जा रहा है कि कई शहरों में लोगों को भोजन तक नहीं मिल पा रहा। 24-24 घंटे लोगों को भूखे रहना पड़ रहा है। जीरो कोविड-19 पॉलिसी की वजह से लोगों को घरों में बंद करके रखा जा रहा है।
जिस चीन के वुहान शहर से कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को डराया, आज वही चीन कोरोना महामारी की चपेट में है। कोरोना वायरस ने चीन के अलग-अलग हिस्सों में पैर पसार लिए हैं जिसकी वजह से 27 शहरों में लॉकडाउन लगाना पड़ा है। लॉक डाउन की वजह से 16.5 करोड़ की आबादी अपने अपने घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। चीन की आर्थिक राजधानी शंघाई में भी संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। चीन की राजधानी बीजिंग में भी कोरोना वायरस का खतरा बढ़ गया है। हालांकि चीन की सरकार जीरो कोविड-19 पॉलिसी पर अड़ी हुई है। यह पॉलिसी लोगों के लिए दमनकारी साबित हो रहा है। दरअसल, इस पॉलिसी की वजह से कुछ केस आने के बावजूद भी पूरे शहर को लॉक डाउन कर दिया जा रहा है। जिसकी वजह से बड़ी आबादी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इसे भी पढ़ें: भारतीय छात्रों को राहत, अधूरी पढ़ाई पूरी करने के लिए जा सकेंगे चीन
सरकार की कठोर नीति की वजह से लोगों को भोजन की सामग्री तक इकट्ठा करने में दिक्कत हो रही है। दावा तो यह भी किया जा रहा है कि कई शहरों में लोगों को भोजन तक नहीं मिल पा रहा। 24-24 घंटे लोगों को भूखे रहना पड़ रहा है। जीरो कोविड-19 पॉलिसी की वजह से लोगों को घरों में बंद करके रखा जा रहा है। बाहर निकलने की पूरी तरीके से मनाही है। अगर कोई ऐसा करता है तो भारी जुर्माना भी लगाया जा रहा है। लोगों पर जेल जैसे कठोर नियम थोपे जा रहे हैं। बावजूद इसके कोरोना की तफ्तार चीन में कम होती दिखाई नहीं दे रही है। आलम तो यह भी है कि छोटे-छोटे बच्चों को उनके मां-बाप से दूर करना कर दिया जा रहा है। रोते बिलखते परिवार लगातार चीन की सरकार को कोस रहे हैं। बावजूद इसके कोविड पॉलिसी को लेकर सरकार अड़ी हुई है।
इसे भी पढ़ें: शंघाई में भूख से मर रहे लोग, खिड़कियों और बालकनियों में खड़े होकर चीन की सरकार के खिलाफ लगा रहे नारे
बीजिंग में कोरोना वायरस की दहशत से संस्थान बंद, इमारतें सील
कोरोना की दहशत अब चीन की राजधानी तक पहुंच गई है। बीजिंग में संक्रमण को अनियंत्रित होने से रोकने के लिए शिक्षण संस्थान बंद कर दिए हैं तथा इमारतें सील कर दी गई हैं। लोग अपने घरों में खाने-पीने की चीजों को एकत्र करने के लिए हड़बड़ी में देखे जा सकते हैं। अधिकारियों को डर है कि कहीं बीजिंग का हाल भी शंघाई जैसा न हो जाए जहां कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते तीन सप्ताह से अधिक समय से शहर बंद पड़ा है और लोग सख्त प्रतिबंधों के चलते घरों में कैद रहने को मजबूर है। अधिकारी बीजिंग को ऐसी स्थिति से बचाने के लिए अत्यंत सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का बहुत कुछ दांव पर लगा है क्योंकि वह अपनी उस बैठक को बाधित नहीं होने देना चाहती जिसमें पांच साल के तीसरे कार्यकाल के लिए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के प्रति समर्थन व्यक्त किया जाएगा।
इसे भी पढ़ें: बीजिंग में कोविड-19 संबंधी नियम सख्त करते हुए स्कूल बंद करने के आदेश
चीन में ओमीक्रोन की ‘सुनामी’ आ गयी है
दूसरी ओर एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि चीन कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप की ‘‘सुनामी’’ का सामना कर रहा है। चीन में कोविड-19 के 20,000 से अधिक मामले आए और उसके सबसे बड़े शहर शंघाई में तीन हफ्तों से अधिक समय से लॉकडाउन लगा हुआ है जबकि राजधानी बीजिंग में 2.1 करोड़ से अधिक लोगों ने ‘‘उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों’’ की बढ़ती सूची के बीच तीसरी न्यूक्लिक एसिड जांच करायी। नगरपालिका सरकार ने शुक्रवार को कहा कि बीजिंग में सभी निवासियों को शनिवार से सार्वजनिक स्थानों पर प्रवेश करने के लिए 48 घंटों के भीतर यह रिपोर्ट दिखायी होगी कि वे कोविड-19 से संक्रमित नहीं पाए गए हैं। बीजिंग में शुक्रवार को दो समुदायों को कोविड-19 के लिए उच्च जोखिम और मध्यम जोखिम की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया। ताजा वर्गीकरण से बीजिंग में उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की कुल संख्या छह और मध्यम जोखिम वाले क्षेत्रों की संख्या 19 पर पहुंच गयी है।
अन्य न्यूज़