China-Russia समुद्र से लेकर आसमान तक एकसाथ आए, NATO की चेतावनी के बाद साउथ चाइना सी में अभ्यास कर दिया चैलेंज

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अभिनय आकाश । Jul 15 2024 1:19PM

चीन और रूस की नौसेनाओं ने दक्षिणी चीन में एक मिलिट्री पोर्ट पर संयुक्त अभ्यास शुरू कर दिया है। दोनों देशों की ये वॉर एक्सरसाइज नाटो के चीन को यूक्रेन युद्ध में रूस का समर्थक कहे जाने के बाद सामने आई है।

समुद्र में तैनात चीन के लड़ाकू जहाज और आसमान में उड़ान भरता रूस का घातक हेलीकॉप्टर। इन तस्वीरों को देखकर लगता है कि मानो दोनों मिलकर किसी देश पर हमला करने वाले हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। तस्वीरें चीन के गुआंडो शहर के झांझियांग प्रांत के एक सैन्य बंदरगाह की है। जहां रूस और चीन के वॉरशिप तैनात हैं। अमेरिका में नाटो देशों की बैठक के बाद रूस और चीन की सेना संयुक्त युद्धभ्यास कर रही है। इसमें दोनों देश अपने लड़ाकू जहाजों के साथ वॉर एक्सरसाइज में लगे हैं। इसका उद्देश्य सुरक्षा खतरों को संबोधित करने और वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर शांति और स्थिरता बनाए रखने में नौसेना की क्षमताओं का प्रदर्शन करना है। इसमें मिसाइल रोधी अभ्यास, समुद्री हमले और वायु रक्षा शामिल हैं।

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नाटो की चीन को नतीजे भुगतने की धमकी

आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि चीन और रूस की नौसेनाओं ने दक्षिणी चीन में एक मिलिट्री पोर्ट पर संयुक्त अभ्यास शुरू कर दिया है। दोनों देशों की ये वॉर एक्सरसाइज नाटो के चीन को यूक्रेन युद्ध में रूस का समर्थक कहे जाने के बाद सामने आई है। दरअसल, वाशिंगटन में नाटो की स्थापना के 75 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित शिखर सम्मेलन में कहा गया कि चीन अपनी प्रतिष्ठा को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर हाल के इतिहास में यूरोप में सबसे बड़े युद्ध को बढ़ावा दे रहा है। बीजिंग इसी रास्ते पर चलता रहा तो उसे नतीजे भुगतने होंगे। 

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 भड़का चीन

शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि चीनी और रूसी नौसैनिक बलों ने झानजियांग शहर में उद्घाटन समारोह के बाद ऑन-मैप सैन्य सिमुलेशन और सामरिक समन्वय अभ्यास किया। यह संयुक्त अभ्यास पिछले सप्ताह नाटो सहयोगियों के साथ चीन के ताज़ा तनाव के बाद हुआ। चीन ने नाटो पर दूसरों की कीमत पर सुरक्षा चाहने का आरोप लगाया और गठबंधन से कहा कि वह एशिया में वैसी ही अराजकता न लाए। इसके विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध पर चीन का निष्पक्ष और वस्तुनिष्ठ रुख है। बीजिंग ने कहा कि यूक्रेन मुद्दे पर चीन का रुख निष्पक्ष है। चीन ने कहा, रूस के साथ संबंधों को लेकर चीन की घेराबंदी से टकराव भड़केगा।

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