Taiwan President Tsai Ing-wen के US दौरे से भड़के China ने इलाके में भेज दिये अपने विमानवाहक पोत

Tsai Ing wen
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हम आपको यह भी बता दें कि ताइवान को टेंशन देने के लिए चीन इस समय ताइवान के पूर्व राष्ट्रपति मा यिंग जोउ की मेजबानी कर रहा है जो बीजिंग समर्थक नेता माने जाते हैं। वह वर्ष 2008 से 2016 के बीच ताइवान के राष्ट्रपति थे।

विस्तारवादी चीन दूसरे देशों पर दबदबा बनाये रखने के चक्कर में सनकीपन की हद तक चला जाता है। ताइवान को अपना बनाने के लिए जुनूनी हो रहा चीन इस बात पर भड़क गया है कि ताइवान की राष्ट्रपति ने अमेरिका यात्रा के दौरान प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष से क्यों मुलाकात की। हम आपको यह भी बता दें कि प्रतिनिधि सभा की पूर्व अध्यक्ष नैन्सी पैलोसी जब पद पर रहते हुए पिछले साल ताइवान आई थीं तब भी चीन काफी भड़क गया था। अब जब ताइवानी राष्ट्रपति ने अमेरिका जाकर वर्तमान प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी के साथ मुलाकात की तो भी चीन भड़क गया है। हम आपको बता दें कि ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन की वाशिंगटन में हुई बैठक पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। चीन के आक्रामक रवैये के बावजूद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी ने ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन की मेजबानी की और उन्हें ‘‘अमेरिका का करीबी मित्र’’ बताया। उल्लेखनीय है कि ताइवान की नेता के साथ अमेरिकी अधिकारी की यह दूसरी उच्च स्तरीय बैठक है।

इस बीच, चीन और अमेरिका ने अपनी-अपनी नौसेनाओं की ताकत का प्रदर्शन करने के लिए ताइवान जलडमरुमध्य में विमान वाहक पोतों को गुजारा है। यह जलमडरुमध्य ताइवान को चीन की मुख्य भूमि से अलग करता है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीनी नौसेना का बेड़ा विमान वाहक पोत शांडोंग के नेतृत्व में ताइवान के दक्षिण पूर्व जल क्षेत्र में पहुंचने से पहले बशी चैनल से गुजरा जो ताइवान को फिलीपीन से अलग करता है। हांगकांग से प्रकाशित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ अखबार ने खबर दी है कि चीन का विमानवाहक पोत पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के अपने पहले अभियान पर निकल रहा है। ताइवान के रक्षा मंत्री चिऊ कुओ-चेंग ने बताया कि अमेरिका का विमानवाहक पोत यूएसएस निमित्ज ताइवान के पूर्वी तट से करीब 400 समुद्री मील दूर गुजर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम निश्चित तौर पर नहीं कह सकते कि वह (निमित्ज) शांडोंग की वजह से वहां मौजूद है। लेकिन इन दोनों घटनाओं का कुछ जुड़ाव हो सकता है।’’

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हम आपको बता दें कि चीन सरकार का दावा है कि ताइवान उसके क्षेत्र का हिस्सा है, जबकि ताइवान की वर्तमान सरकार का कहना है कि यह स्वशासित द्वीप पहले से ही संप्रभु है और चीन का हिस्सा नहीं है। चीन ने आठ महीने पहले भी अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की तत्कालीन अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के दौरान अपने नौसेना बेड़े को जलडमरुमध्य में भेजा था और मिसाइल दागी थीं। चीन ने इसी तरह का शक्ति प्रदर्शन अमेरिका में केविन मैक्कार्थी की साई के साथ हुई मुलाकात के बाद किया है।

हम आपको यह भी बता दें कि ताइवान को टेंशन देने के लिए चीन इस समय ताइवान के पूर्व राष्ट्रपति मा यिंग जोउ की मेजबानी कर रहा है जो बीजिंग समर्थक नेता माने जाते हैं। वह वर्ष 2008 से 2016 के बीच ताइवान के राष्ट्रपति थे। मा चीन की मुख्य भूमि की यात्रा के अंतिम पड़ाव के तहत शंघाई बंदरगाह पहुंचे। इस अवसर पर चीनी नौसेना ने स्वशासित द्वीप के नजदीक गश्त की शुरुआत की।

वहीं ताइवानी राष्ट्रपति की अमेरिकी नेता से मुलाकात पर टिप्पणी करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया कि अमेरिका, ‘‘ताइवान और अमेरिका के अधिकारियों के बीच मुलाकात और अमेरिका-ताइवान संबंधों को बढ़ाकर ताइवान के अलगाववादियों को मंच प्रदान कर रहा है।’’ हालांकि मैक्कार्थी और साई कैलिफोर्निया में रोनाल्ड रीगन प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी में एकजुटता दिखाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए नजर आए और ताइवान सरकार के खिलाफ चीन के खतरे को स्वीकार करते हुए दीर्घकालिक अमेरिकी नीति को बनाए रखने की बात की। मैक्कार्थी ने मुलाकात के बाद कहा, ''ताइवान के लोगों के लिए अमेरिका का दृढ़, अटूट समर्थन कायम रहेगा।’’ मैक्कार्थी ने कहा कि अमेरिका-ताइवान संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत हैं। वहीं साई ने कहा, ‘‘दृढ़ समर्थन ताइवान के लोगों को आश्वस्त करता है कि हम अलग-थलग नहीं हैं।’’

हम आपको यह भी बता दें कि चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा सुबह जारी एक बयान में, चीन ने इस बैठक को लेकर कहा कि वह ‘‘राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए दृढ़ और सशक्त कदम’’ उठायेगा। चीन ने अमेरिका से ‘‘गलत और खतरनाक रास्ते पर आगे नहीं बढ़ने’’ का आग्रह किया। चीन के विदेश मंत्रालय ने जोर दिया कि उसकी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ‘‘हमेशा उच्च स्तरीय सतर्कता बरतती है और देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने को लेकर तत्पर है। साथ ही ताइवान जलडमरुमध्य के आसपास शांति व स्थिरता कायम रखने को लेकर प्रतिबद्ध है।’’ वहीं ताइवान के विदेश मंत्री ने कहा कि शांडोंग के ताइवान के दक्षिण में ओलान्पी से करीब 200 समुद्री मील दूर होने का पता चला है और वह ‘प्रशिक्षण मिशन’ पर है। उन्होंने कहा, ‘‘इस समय मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए हम चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की मंशा का आकलन कर रहे हैं। इसे लेकर कई संभावनाएं हैं और हम पहले ही जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार हैं। लेकिन अभी इस बारे में विस्तृत जानकारी देना उचित नहीं है।’’

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