चीन ने अमेरिका से ताइवान के साथ सैन्य ‘मिलीभगत’ बंद करने की मांग की
चीन के सेना प्रमुख जनरल ली जुओचेंग ने बृहस्पतिवार को अमेरिकी सैन्य प्रमुख जनरल मार्क मिले से कहा कि चीन के लिए अपने ‘मूल हितों’ से जुड़े मुद्दों पर ‘समझौते की कोई गुजाइंश नहीं’ है और उन मूल हितों में स्वशासित ताइवान भी है।
बीजिंग, आठ जुलाई (एपी) द्विपक्षीय संबंधों में लगातार तनाव वृद्धि के बीच चीन ने अमेरिका से दोनों देशों के सेना प्रमुखों (ज्वायंट चीफ ऑफ स्टॉफ) की डिजिटल बैठक के दौरान ताइवान से सैन्य ‘मिलीभगत’ बंद करने की मांग की
चीन के सेना प्रमुख जनरल ली जुओचेंग ने बृहस्पतिवार को अमेरिकी सैन्य प्रमुख जनरल मार्क मिले से कहा कि चीन के लिए अपने ‘मूल हितों’ से जुड़े मुद्दों पर ‘समझौते की कोई गुजाइंश नहीं’ है और उन मूल हितों में स्वशासित ताइवान भी है। चीन, ताइवान पर अपना दावा करता है तथा वह जरूरत पड़ने पर बलप्रयोग से भी उसे मिलाने की मंशा रखता है।
ली ने कहा, ‘‘ चीन अमेरिका से .... इतिहास को नहीं पलटने, ताइवान के साथ सैन्य मिलीभगत नहीं करने, चीन-अमेरिका संबंधों एवं ताइवान जलडमरूमध्य में स्थायित्व पर असर डालने से बचने की मांग करता है। ’’ उन्होंने कहा कि चीनी सेना ‘‘राष्ट्रीय संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता की दृढ़ता से रक्षा करेगी।’
चीन नियमित रूप से ऐसी का इस्तेमाल करता है और उसके रक्षा मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार ली ने कहा कि जानबूझकर टकराव पैदा करने एवं भड़काऊ घटनाओं के बजाय चीन संवाद एवं सहयोग बढ़ाने की उम्मीद करता है। चीन हमले की अपनी धमकी जगजाहिर करने के लिए नियमित रूप से जंगी विमानों को ताइवान के करीब उड़ाता है।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार चीनी वायुसेना के विमान ने शुक्रवार सुबह दोनों पक्षों को विभाजित करने वाले ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार किया। ली और मिले के बीच इस बैठक से पूर्व चीन के रक्षा मंत्री वी फेंगे ने पिछले महीने क्षेत्रीय सुरक्षा सम्मेलन में तीखा बयान दिया था। उस सम्मेलन में अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भी थे।
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