BRICS अधिक न्यायपूर्ण, समावेशी विश्व के निर्माण के लिए अस्तित्व में आया : दक्षिण अफ्रीकी राजदूत

Anil Sooklal
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शिखर सम्मेलन में रूस का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे। हालांकि पुतिन ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपना संबोधन देंगे, जो 22 और 24 अगस्त के बीच होगा। दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स का मौजूदा अध्यक्ष है।

जोहानिसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका के राजनयिक अनिल सूकलाल का कहना है कि ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के संगठन ‘ब्रिक्स’ का गठन मौजूद वैश्विक परिदृश्य में असमानताओं को दूर करने के लिए किया गया था। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निजी रूप से जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने के बारे में बुधवार को राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा की घोषणा के बाद दक्षिण अफ्रीकी अंतरराष्ट्रीय संबंध एवं सहयोग विभाग में ‘एम्बैस्डर एट लार्ज : एशिया एवं ब्रिक्स’ सूकलाल ने रेडियो स्टेशन 702 पर अपना संबोधन दिया। शिखर सम्मेलन में रूस का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे। हालांकि पुतिन ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपना संबोधन देंगे, जो 22 और 24 अगस्त के बीच होगा। दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स का मौजूदा अध्यक्ष है।

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीसी) ने रूस के गैरकानूनी तरीके से यूक्रेन के बच्चों को निर्वासित करने के आरोपों पर पुतिन पर अभियोग लगाया है। आईसीसी के सदस्य के रूप में दक्षिण अफ्रीका से उम्मीद की जाती है कि अगर पुतिन देश में कदम रखेंगे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए। सूकलाल ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति पुतिन ने अगले महीने दक्षिण अफ्रीका में आयोजित होने वाले ब्रिक्स सदस्य देशों के शिखर सम्मेलन में प्रत्यक्ष तौर पर हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है ताकि मुद्दों पर ध्यान भटकाए बिना बहस हो सके।’’ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं होने के पुतिन के फैसले ने यूक्रेन में कथित युद्ध अपराधों के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के वारंट का पालन करने के बारे में दक्षिण अफ्रीका की दुविधा खत्म कर दी है।

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सूकलाल ने कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में चुनौतियां हैं और अंतरराष्ट्रीयकानूनों की मदद से उनसे निपटा जा रहा है। उन्होंने कहा ‘‘लेकिन यह एक समान रूप से नहीं बल्कि चयनित तरीके से किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि ब्रिक्स इसी असमानता को दूर करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा ‘‘इसीलिए ब्रिक्स अस्तित्व में आया है ताकि इस तरह की असमानता दूर कर, एक सम-सामयिक और समावेशी दुनिया तैयार की जा सके। जब हम अंतरराष्ट्रीय कानूनों की बात करते हैं तो यह सब पर एक समान तरीके से लागू होते हैं, चयनित तरीके से नहीं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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