यूक्रेनी सैनिक की बहादुरी! रूसी टैंकों को रोकने के लिए खुद पर विस्फोटक बांधकर तबाह कर दिया पुल
सेना का जवान किसी भी देश का हो उसके अंदर देश के लिए जान न्योछावर कर देने की जो हिम्मत होती है उस हिम्मत को सलाम। रूस के सामने यूक्रेन एक बेहद ही छोटा देश है। अकेले कितने दिन ही रूस के सामने वह टिक पाएगा यह सभी को अंदर से पता है।
सेना का जवान किसी भी देश का हो उसके अंदर देश के लिए जान न्योछावर कर देने की जो हिम्मत होती है उस हिम्मत को सलाम। रूस के सामने यूक्रेन एक बेहद ही छोटा देश है। अकेले कितने दिन ही रूस के सामने वह टिक पाएगा यह सभी को अंदर से पता है लेकिन यूक्रेन की हिम्मत इस समय पूरी दुनियाभर देख रही है। जहां यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने रूस के सामने हथियार डालने से इंकार कर दिया है और समर्पण के साथ रशिया से खिलाफ युद्ध कर रह है यह जज्बा पूरी दुनिया के सामने हैं। देश का हर जवान अपनी जमीन की रक्षा के लिए रूसी सेना से लड़ाई कर रहा है। इस युद्ध में सेना के कई जवान अपने खून और बलिदान से देश का इतिहास लिख रहे हैं। यह जवान अपने बलिदान से हमेशा के लिए अपने नाम को अमर कर रहे हैं। यूक्रेन के रणबाकुरों ने रूसी सेना का डटकर सामना किया।
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यूक्रेन के एक जवान ने रूसी सेना को धूल चटाने के लिए जो साहस दिखाया वो सच्ची देशभक्ति की कहानी हैं। रूसी टैंकों को अपने देश पर आक्रमण करने से रोकने के लिए एक यूक्रेनी सैनिक ने रूस के कब्जे वाले क्रीमिया को मुख्य भूमि यूक्रेन से जोड़ने वाले पुल को उड़ा दिया। पुल को उड़ाने के लिए उसने खुद पर बारूदों को बांधा और पुल पर चला गया ताकि उस पास से पुल के माध्यम से कोई देश में न आ सके। उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी।
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यूक्रेनी सेना के अनुसार, जब रूसी टैंकों ने आक्रमण किया, तो समुद्री बटालियन इंजीनियर विटाली स्काकुन वोलोडिमिरोविच को दक्षिणी प्रांत खेरसॉन में हेनिचेस्क पुल पर तैनात किया गया था। सेना ने फैसला किया कि रूसी टैंकों को अवरुद्ध करने का एकमात्र तरीका पुल को उड़ा देना होगा और तदनुसार, वलोडिमिरोविच ने स्वेच्छा से इस काम को करने की इच्छा जताई और इसे करके दिखाया। इस बात की जानकारी युक्रेन सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ ने एक बयान में दी है। पुल उड़ जाने के कारण रूसी सेना अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सकी और उन्हें एक लंबा रास्ता अपनाने के लिए मजबूर किया होना पड़ा।
क्रेनी सेना ने एक बयान में लिखा "हमारे देश के लिए इस कठिन दिन पर, जब यूक्रेनी लोग सभी दिशाओं में रूसी कब्जेदारों से लड़ रहे हैं, यूक्रेन के नक्शे पर सबसे कठिन स्थानों में से एक क्रीमियन चौराहा था, जहां पहले दुश्मनों में से एक अलग समुद्री बटालियन से मिला था। टैंक कॉलम के प्रचार को रोकने के लिए, जेनिश कार ब्रिज को उखाड़ फेंकने का निर्णय लिया गया था।
रूसी सैनिकों ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर शुक्रवार को हमला शुरू दिया। सरकारी इमारतों के निकट गोलीबारी और विस्फोटों की आवाजें गूंज रही थीं। रूस की इस कार्रवाई से यूरोप में व्यापक युद्ध की आशंका पैदा हो गई है वहीं उसे रोकने के लिए दुनियाभर में प्रयास भी शुरू हो गए हैं। युद्ध से सैकड़ों लोगों के हताहत होने की सूचनाओं के बीच कीव में इमारतों, पुलों और स्कूलों के सामने भी गोलीबारी और विस्फोटों की घटनाएं हुई हैं। इस बात के भी संकेत बढ़ रहे थे कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन की मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश कर रहे हैं। दुनिया के नक्शे में बदलाव करने और रूस के शीतयुद्ध कालीन प्रभाव को बहाल करने के लिए यह पुतिन का अभी तक का सबसे बड़ा कदम है।
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