अमेरिका में हो सकता है सशस्त्र विरोध प्रदर्शन, 50 राज्यों को FBI ने भेजा अलर्ट
इससे पहले, कई रिपोर्टों में दावा किया गया था कि डोनाल्ड ट्रम्प सत्ता के शांतिपूर्ण परिवर्तन के लिए तैयार नहीं होंगे। कैपिटल में हुए हालिया दंगा और बाद में एफबीआई की ओर से चेतावनी यह संकेत देती है कि देश स्पष्ट रूप से सिविल वॉर की ओर बढ़ रहा है।
कैपिटल हिंसा के बाद एफबीआई ने सभी सशस्त्र विरोध प्रदर्शनों की तैयारी के लिए देश भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को एक मेमो भेजा है, जो 16 जनवरी से शुरू हो सकता है और जो बाइडेन के शपथ ग्रहण के दिन 20 जनवरी तक जारी रह सकता है। बता दें कि एफबीआई द्वारा जारी मेमो में कहा गया है कि एक सशस्त्र समूह ने वाशिंगटन, डी.सी. की यात्रा करने की धमकी दी है और यदि कांग्रेस ने डोनाल्ड ट्रम्प को पद से हटा दिया है, तो विद्रोह होगा। एक खबर के अनुसार, यह मेमो देश में कई कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा प्रदान की गई खुफिया जानकारी के अलावा सोशल मीडिया और सूत्रों से एकत्र की गई जानकारी पर आधारित है।
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सिविल वॉर की संभावना?
इससे पहले, कई रिपोर्टों में दावा किया गया था कि डोनाल्ड ट्रम्प सत्ता के शांतिपूर्ण परिवर्तन के लिए तैयार नहीं होंगे। कैपिटल में हुए हालिया दंगा और बाद में एफबीआई की ओर से चेतावनी यह संकेत देती है कि देश स्पष्ट रूप से सिविल वॉर की ओर बढ़ रहा है। मेमो के अनुसार, एक सशस्त्र समूह वाशिंगटन डीसी की यात्रा करने की योजना बना रहा है यदि कांग्रेस ने डोनाल्ड ट्रम्प को कार्यालय से हटा दिया। भले ही एफबीआई ने सभी 50 राज्यों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मेमो भेजा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हिंसा राष्ट्र के सभी जगह तक पहुंच सकती है। एफबीआई बोस्टन डिवीजन के एक प्रवक्ता ने कहा कि 17 जनवरी से राज्य में सशस्त्र विरोध के कोई संकेत नहीं हैं। जानकारों के मुताबिक, बूगालू आंदोलन के सदस्य 17 जनवरी की रैलियों के दौरान सशस्त्र विद्रोह की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा मिशिगन और मिनेसोटा दो राज्य हैं जहां सशस्त्र विरोध प्रदर्शन होने की अधिक संभावना है, क्योंकि बूगालू आंदोलन के सदस्यों की इन राज्यों में मजबूत पकड़ हैं।
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