अनवार-उल-हक काकड़ ने पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली

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एक दिन पहले काकड़ ने सीनेट की सदस्यता और बलूचिस्तान अवामी पार्टी से इस्तीफा दिया था, जिसकी 2018 में उन्होंने स्थापना की थी। ‘जियो न्यूज’ की खबर के अनुसार काकड़ ने अपने पद से इसलिए इस्तीफा दिया, क्योंकि वह निष्पक्ष अंतरिम प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। काकड़ (52) बलूचिस्तान के पश्तून समुदाय से हैं और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के सदस्य थे। बीएपी को देश के शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान का करीबी माना जाता है। काकड़ वर्ष 2018 में सीनेट के लिए चुने गए और काफी सक्रिय राजनेता रहे हैं। उच्च सदन के लिए चुने जाने से पहले उन्होंने बलूचिस्तान प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता के रूप में भी काम किया।

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए अनवार-उल-हक काकड़ ने सोमवार को शपथ ली। काकड़ ने अपनी नियुक्ति के बाद संसद के उच्च सदन सीनेट की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसे सोमवार को स्वीकार कर लिया गया। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने राष्ट्रपति भवन ‘ऐवान-ए-सदर’ में आयोजित कार्यक्रम में काकड़ को शपथ दिलाई। वह देश के आठवें अंतरिम प्रधानमंत्री बने हैं। शपथ लेने के बाद, काकड़ मार्गल्ला पहाड़ों की तलहटी में स्थित प्रधानमंत्री के महलनुमा आधिकारिक आवास गए, जहां नए कर्मचारियों से उनका परिचय कराया गया। काकड़ का तात्कालिक कार्य देश का शासन चलाने में सहायता के लिए एक कैबिनेट गठित करना है। सूत्रों के अनुसार, पूर्व राजनयिक जलील अब्बास जिलानी को विदेश मंत्री नियुक्त किया जा सकता है।

वह अंतरिम प्रधानमंत्री पद की दौड़ में भी शामिल थे। काकड़ के सामने अब स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने तथा संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था को संतुलित बनाए रखने की कठिन चुनौती होगी। इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ ने प्रधानमंत्री आवास छोड़ दिया है और देश की तीनों सेनाओं के जवानों ने उन्हें ‘विदाई गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। शनिवार को प्रधानमंत्री शरीफ और भंग हो चुकी नेशनल असेंबली में नेता प्रतिपक्ष राजा रियाज अहमद के बीच परामर्श के अंतिम दिन काकड़ के नाम पर सहमति बनी थी। शपथ ग्रहण करने से पहले, काकड़ ने संसद के उच्च सदन सीनेट की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजरानी ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया। एक दिन पहले काकड़ ने सीनेट की सदस्यता और बलूचिस्तान अवामी पार्टी से इस्तीफा दिया था, जिसकी 2018 में उन्होंने स्थापना की थी। ‘जियो न्यूज’ की खबर के अनुसार काकड़ ने अपने पद से इसलिए इस्तीफा दिया, क्योंकि वह निष्पक्ष अंतरिम प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। काकड़ (52) बलूचिस्तान के पश्तून समुदाय से हैं और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के सदस्य थे। बीएपी को देश के शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान का करीबी माना जाता है। काकड़ वर्ष 2018 में सीनेट के लिए चुने गए और काफी सक्रिय राजनेता रहे हैं। उच्च सदन के लिए चुने जाने से पहले उन्होंने बलूचिस्तान प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता के रूप में भी काम किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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