लाहौर में छाया जानलेवा धुंध, लोगों ने इमरान सरकार से लगाई मदद की गुहार
लाहौर को कभी बगीचों का शहर कहा जाता था लेकिन आज वह विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है जहाँ के निवासी घरों में रहने को मजबूर हैं। मोहिदिन ने कहा कि लाहौर में अमेरिकी वाणिज्यिक दूतावास और पाकिस्तानी संस्थाओं द्वारा नवंबर की शुरुआत से हर दूसरे दिन वायु गुणवत्ता खतरनाक श्रेणी में दर्ज की गयी है।
लाहौर। पाकिस्तान के लाहौर शहर में खराब वायु गुणवत्ता और धुंध के कारण लाखों लोगों पर साँस की बीमारी होने का खतरा मंडरा रहा है। एमनेस्टी इंटरनेशनल संगठन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एमनेस्टी ने लाहौर के निवासियों के लिए विश्वभर से तत्काल मदद की गुहार लगाई है। एमनेस्टी का कहना है कि स्मॉग की समस्या पर पाकिस्तानी अधिकारियों की लापरवाही से मानवाधिकार का गंभीर मुद्दा उठ खड़ा हुआ है।
We are breathing poison. #LahoreSmog https://t.co/rdHPlG66Bz
— Benazir Shah (@Benazir_Shah) November 21, 2019
एमनेस्टी के अधिकारी रिमेल मोहिदिन ने कहा कि जहरीली हवा से सभी का स्वास्थ्य दांव पर लगा है। यह मुद्दा इतना गंभीर है कि हम पूरे विश्व में फैले अपने सदस्यों से कह रहे हैं कि वे पाकिस्तानी अधिकारियों को पत्र लिखकर इस आपदा को गंभीरता से लेने को कहें और लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए त्वरित कार्रवाई करें।
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लाहौर को कभी बगीचों का शहर कहा जाता था लेकिन आज वह विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है जहाँ के निवासी घरों में रहने को मजबूर हैं। मोहिदिन ने कहा कि लाहौर में अमेरिकी वाणिज्यिक दूतावास और पाकिस्तानी संस्थाओं द्वारा नवंबर की शुरुआत से हर दूसरे दिन वायु गुणवत्ता खतरनाक श्रेणी में दर्ज की गयी है। उन्होंने कहा कि लाहौर के लोगों को इस साल एक भी दिन साफ हवा नहीं मिली है और नवंबर में वायु गुणवत्ता बिगड़ कर खतरनाक श्रेणी में पहुँच गयी है। गौरतलब है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 या ऊपर होने पर उसे खतरनाक माना जाता है और गुरुवार को लाहौर का एक्यूआई 598 पहुँच गया था।
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