अमेरिकी विश्वविद्यालय ने 'पीस गार्डन' से गांधी की प्रतिमा को हटाने की मांग को किया खारिज

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अमेरिकी विश्वविद्यालय ने पीस गार्डन से गांधी की प्रतिमा हटाने की आशंका खारिज कर दी है।विश्वविद्यालय के अध्यक्ष जोसेफ कास्त्रो ने कहा कि फ्रेस्नो पीस गार्डन में महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग, सीजर शावेज और जेन एडम्स की प्रतिमाएं शांतिपूर्ण और रचनात्मक सक्रियतावाद की भावना से लगाई गई हैं।

वाशिंगटन। अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को हटाने की आशंका खारिज कर दी है।दरअसल एक ऑनलाइन याचिका में ‘ब्लैक लाइव्स मैटर अभियान के प्रति एकजुटता’’ दिखाने के लिए इस प्रतिमा को हटाने की मांग की गई थी। फ्रेस्नो में कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी की भारतीय मूल के एक छात्रा ने काले व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद एक ऑनलाइन याचिका दी थी। फ्लॉयड की 25 मई को मिनियापोलीस में पुलिस के हाथों हत्या हुई थी। इस घटना के खिलाफ देश में व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए और वाशिंगटन डीसी में महात्मा गांधी की प्रतिमा सहित कई प्रतिमाओं और राष्ट्रीय स्मारकों को क्षति पहुंचाई गई।

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विश्वविद्यालय के अध्यक्ष जोसेफ कास्त्रो ने कहा कि फ्रेस्नो पीस गार्डन में महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग, सीजर शावेज और जेन एडम्स की प्रतिमाएं शांतिपूर्ण और रचनात्मक सक्रियतावाद की भावना से लगाई गई हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘इतिहास और उसे आकार देने वालों के प्रति स्पष्ट सोच रखने की मांग करने वाले लोगों की हम सराहना करते हैं, साथ ही अपील करते हैं एक न्यायसंगत तथा निष्पक्ष समाज के निर्माण में दिए गए उनके स्थायी योगदान के महत्व पर भी वे ध्यान दें।’’ कास्त्रो ने याचिका के जवाब में कहा, ‘‘ इस आधार पर हमें लगता है कि फ्रेस्नो स्टेट पीस गार्ड में जिन लोगों की प्रतिमा लगी है, उनकी इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका रही है और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए साहस, सामाजिक न्याय और अथक प्रयासों को बढ़ावा देने में उनका मार्गदर्शन हमें मिलता रहना चाहिए।’’ विश्वविद्यालय की छात्रा अखनूर सिद्धू की ऑनलाइन याचिका में ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए गांधी की प्रतिमा को हटाने की मांग की गई थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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