मुस्लिम, वक्फ, गाय... अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में भारत की छवि की खराब, भड़क उठा हिंदुस्तान
अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संयुक्त राज्य आयोग (यूएससीआईआरएफ) पर हमारे विचार सर्वविदित हैं। यह राजनीतिक एजेंडे वाला एक पक्षपाती संगठन है। यह तथ्यों को गलत तरीके से पेश करना और भारत के बारे में एक प्रेरित कहानी को बढ़ावा देना जारी रखता है। हम इस दुर्भावनापूर्ण रिपोर्ट को अस्वीकार करते हैं।
अमेरिकी संघीय सरकारी आयोग की रिपोर्ट में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति खराब होने का आरोप लगाया गया और धार्मिक स्तर पर हो रहे उल्लंघनों को ध्यान में रखते हुए उसे विशेष चिंता वाले देश के रूप में शामिल करें। रिपोर्ट पर मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि रिपोर्ट भारत के बारे में तथ्यों को गलत तरीके से पेश करती है और एक प्रोपगैंडा को बढ़ावा देती है। अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संयुक्त राज्य आयोग (यूएससीआईआरएफ) पर हमारे विचार सर्वविदित हैं। यह राजनीतिक एजेंडे वाला एक पक्षपाती संगठन है। यह तथ्यों को गलत तरीके से पेश करना और भारत के बारे में एक प्रेरित कहानी को बढ़ावा देना जारी रखता है। हम इस दुर्भावनापूर्ण रिपोर्ट को अस्वीकार करते हैं।
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7 पेज वाले इस दस्तावेज को वरिष्ठ नीति विश्लेषक सेमा हसन ने लिखा है। धर्म संबंधित रिपोर्ट में कहा कि भारत ने अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने वाले USCIRF के लोगों को देश का वीजा देने से इंकार किया है।इसके अलावा वहां धार्मिक नेताओं को मनमाने तरीके से गिरफ्तार कर लिया जाता है। के आधार पर घरों और धार्मिक पूजा स्थलों को निशाना बनाया जाता है। रिपोर्ट में मुस्लिम, वक्फ संशोधन बिल, गोहत्या विरोधी कानून का जिक्र किया गया है।
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भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संयुक्त राज्य आयोग (यूएससीआईआरएफ) पर हमारे विचार सर्वविदित हैं। यह राजनीतिक एजेंडे वाला एक पक्षपाती संगठन है। यह तथ्यों को गलत तरीके से पेश करना और भारत के बारे में एक प्रेरित कहानी को बढ़ावा देना जारी रखता है। रणधीर जयसवाल ने कहा कि सरकार दुर्भावनापूर्ण रिपोर्ट को खारिज करती है। उन्होंने कहा, "यह रिपोर्ट केवल यूएससीआईआरएफ को और अधिक बदनाम करने का काम करती है।
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