France में रोके गए विमान के 303 यात्रियों को तीन दिन के बाद जाने की अनुमति मिली

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भारतीय यात्रियों ने मध्य अमेरिका पहुंचने के लिए यात्रा की योजना बनाई होगी, जहां से वे अवैध रूप से अमेरिका या कनाडा में प्रवेश करने का प्रयास कर सकते थे। लेकिन एक गुप्त सूचना में यात्रियों के एक संगठित गिरोह के माध्यम से ‘‘मानव तस्करी का शिकार होने की आशंका’’ जताई गई, जिससे अधिकारी सतर्क हो गए।

पेरिस। फ्रांसीसी अधिकारियों ने ‘मानव तस्करी’ के संदेह में पेरिस के पास एक हवाई अड्डे पर तीन दिन से रोका गया विमान सोमवार को उड़ान भर सकेगा। विमान में 303 यात्री सवार हैं जिनमें अधिकतर भारतीय हैं। रविवार को स्थानीय मीडिया ने यह खबर दी। फ्रांसीसी समाचार प्रसारण टेलीविजन और रेडियो नेटवर्क ‘बीएफएम टीवी’ ने बताया कि विमान को जाने की अनुमति देने के बाद फ्रांसीसी न्यायाधीशों ने प्रक्रिया में अनियमितताओं के कारण 300 से अधिक यात्रियों को रोके जाने के मामले की सुनवाई रोक दी।

‘मानव तस्करी’ के संदेह में बृहस्पतिवार से पेरिस से 150 किलोमीटर पूर्व में वैट्री हवाई अड्डे पर फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए गए 303 यात्रियों से चार फ्रांसीसी न्यायाधीशों ने रविवार को पूछताछ शुरू की। यह सुनवाई मानव तस्करी के संदेह पर पेरिस अभियोजक के कार्यालय द्वारा शुरू की गई जांच के हिस्से के रूप में की जा रही थी। खबर में कहा गया कि विमान के सोमवार सुबह उड़ान भरने की उम्मीद है। इसके गंतव्य के बारे में जानकारी नहीं है। विमान भारत ले जाया सकता है, जहां के ज्यादातर यात्री रहने हैं, या निकारागुआ जा सकता, जो उसका मूल गंतव्य था या दुबई जहां से विमान ने उड़ान भरी थी।

फ्रांसीसी मीडिया के मुताबिक कुछ यात्री हिंदी और कुछ तमिल में बात कर रहे हैं और ऐसा माना जाता है कि उन्होंने अपने परिवारों से टेलीफोन के माध्यम से संपर्क किया है। अखबार ने मामले से जुड़े एक सूत्र के हवाले से बताया कि दस यात्रियों ने शरण देने का अनुरोध किया है। फ्रांसीसी अभियोजकों के मुताबिक, विमान में सवार 11 ऐसे नाबालिग शुक्रवार से ही हिरासत में हैं, जो कि बिना अभिभावक के सफर कर रहे हैं। इसके अलावा दो वयस्क यात्री भी शुक्रवार से ही हिरासत में हैं। सभी की हिरासत शनिवार शाम को अगले 48 घंटे तक बढ़ा दी गई। विमान का स्वामित्व रोमानियाई चार्टर कंपनी ‘लीजेंड एयरलाइंस’ के पास है। कंपनी की अधिवक्ता लिलियाना बाकायोको ने ‘मानव तस्करी’ में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है।

लिलियाना ने बताया कि एक ‘साझीदार’ कंपनी ने विमान को किराए पर लिया था और वही प्रत्येक यात्री के पहचान दस्तावेज को सत्यापित करने के लिए जिम्मेदार थी। वह उड़ान से 48 घंटे पहले यात्रियों की पासपोर्ट जानकारी विमानन कंपनी को देती है। फ्रांस में मानव तस्करी के लिए 20 साल तक की सजा का प्रावधान है। फ्रांस में भारत के दूतावास ने शनिवार को कहा कि संदिग्ध “मानव तस्करी” के आरोप में फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा यात्रियों को हिरासत में लिए जाने के बाद भारतीय नागरिकों की मदद करने के लिए उसके कर्मचारी पेरिस के पास हवाई अड्डे पर मौजूद हैं। दूतावास ने शनिवार शाम को ही सोशल मीडिया पर एक अद्यतन संदेश में स्थिति के “शीघ्र समाधान” की कोशिश में लंबे क्रिसमस अवकाश सप्ताहांत पर काम करने के लिए फ्रांसीसी अधिकारियों को धन्यवाद दिया।

‘ले मोंडे’ अखबार की खबर के अनुसार, प्रांतीय प्रशासक ने कहा कि विमान को ईंधन भरना था और इसमें 303 भारतीय नागरिक सवार थे जो संभवत: संयुक्त अरब अमीरात में काम करते थे। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय यात्रियों ने मध्य अमेरिका पहुंचने के लिए यात्रा की योजना बनाई होगी, जहां से वे अवैध रूप से अमेरिका या कनाडा में प्रवेश करने का प्रयास कर सकते थे। लेकिन एक गुप्त सूचना में यात्रियों के एक संगठित गिरोह के माध्यम से ‘‘मानव तस्करी का शिकार होने की आशंका’’ जताई गई, जिससे अधिकारी सतर्क हो गए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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