भारत और अमेरिका के बीच ''2+2'' वार्ता आज, हो सकते हैं अहम समझौते
भारत और अमेरिका के बीच आज टू प्लस टू वार्ता होगी। इस वार्ता के लिए विदेश मंत्रालय के फॉगी बॉटम मुख्यालय में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर अपने समकक्षों विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मेजबानी करेंगे।दूसरी टू प्लस टू वार्ता ऊंची आकांक्षाओं को निर्धारित करने का अवसर है।
वाशिंगटन। भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंधों में उत्तरोत्तर वृद्धि और मजबूती आने पर ध्यान दिलाते हुए अमेरिका के एक प्रख्यात रक्षा एवं अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ ने कहा है कि दोनों देशों के बीच दूसरी ‘टू प्लस टू’ वार्ता ऊंची आकांक्षाएं निर्धारित करने का अवसर है। बुधवार की टू प्लस टू वार्ता इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई रिकॉर्ड चार मुलाकातों के बाद हो रही है। इन चार मुलाकातों में सितंबर में ह्यूस्टन में हुआ दोनों का संयुक्त संबोधन भी शामिल है जहां उन्होंने विशाल जनसमूह को संबोधित किया था।
Second India-US 2+2 Ministerial Dialogue to be held in Washington, DC today. Defence Minister Rajnath Singh & External Affairs Minister (EAM) Dr S Jaishankar, to lead Indian delegation. (File pics) pic.twitter.com/h31ntWU7Aq
— ANI (@ANI) December 18, 2019
इस वार्ता के लिए विदेश मंत्रालय के फॉगी बॉटम मुख्यालय में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर अपने समकक्षों विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मेजबानी करेंगे। पहली टू प्लस टू वार्ता पिछले साल सितंबर में नयी दिल्ली में हुई थी। पूर्व के ओबामा प्रशासन के दौरान पेंटागन एवं विदेश मंत्रालय में अधिकारी रह चुके विक्रम जे सिंह ने बताया कि भारत-अमेरिका के रक्षा संबंध बहुत मजबूत बने हुए हैं। दूसरी टू प्लस टू वार्ता ऊंची आकांक्षाओं को निर्धारित करने का अवसर है।
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अमेरिका-भारत सामरिक साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) के लिए रक्षा एवं अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के वरिष्ठ सलाहकार सिंह ने कहा, “क्रियान्वयन के लिहाज से, हमने त्रि-सेवा अभ्यासों और क्वाड (जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत और अमेरिका) के साथ ठोस कार्यों जैसी महत्त्वपूर्ण उपलब्धियां देखी हैं।” उन्होंने कहा कि कुछ बड़ी चुनौतियां रक्षा के लिहाज से उतनी महत्त्वपूर्ण नहीं हैं लेकिन इसे प्रभावित कर सकती हैं। ये चुनौतियां हैं अनसुलझे व्यापार विवाद और ईरान एवं रूस पर लगे अमेरिकी प्रतिबंध जो भारत को प्रभावित कर सकते हैं। एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि इन वार्ताओं में राजनीतिक से लेकर रणनीतिक और सामरिक विषय शामिल होंगे।
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