बारिश के बादल (बाल कविता)
संतोष उत्सुक । May 31 2018 5:33PM
हिमाचल प्रदेश से कवि संतोष उत्सुक की ओर से प्रेषित बाल कविता ''बारिश के बादल'' में गर्मी के मौसम में बारिश के इंतजार का वर्णन किया गया है।
गरमी अब तुम चली जाओ
मेघदूत तुम बारिश ला दो
नदी नाले सब सूख चुके हैं
उनमें जल धारा बरसा दो
वृक्ष पौधे खेत सब प्यासे हैं
उनकी प्यास शीघ्र बुझा दो
पहाड़ों पर भी गरमी बरसती
वहां बरसकर ताप घटा दो
मानव ने पर्यावरण बिगाड़ा
इसको भी ज़रूर समझा दो
आओ आओ अब आ जाओ
बारिश के बादलों छा जाओ
-संतोष उत्सुक
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