हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार को हार्ट अटैक से हुआ निधन, आखिर क्या है कार्डियोजेनिक शॉक, जनिए इसके लक्षण

Manoj Kumar
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भारतीय सिनेमा के दिग्गज एक्टर और डायरेक्टर मनोज कुमार हमारे बीच नहीं रहें। अभिनेता को अचानक से निधन के कारण फिल्म इंडस्ड्री में शोक की लहर फैल गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें हार्ट अटैक के कारण कार्डियोजेनिक शॉक पड़ा है, जिसके काफी गंभीर लक्षण होते हैं। आइए आपको बताते हैं क्या है कार्डियोजेनिक शॉक।

हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार, जिन्हें 'भारत कुमार' के नाम से भी जाना जाता है। एक्टर मनोज कुमार ने 87 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। अभिनेता ने 1957 की फिल्म 'फैशन' से अपने अभिनय की शुरुआत की। जिसके बाद सहारा (1958), चांद (1959) और हनीमून (1960) में काम किया। अभिनेता ने 1961 में हरनाम सिंह रवैल द्वारा निर्देशित 'कांच की गुड़िया' में मुख्य भूमिका में अपना पहला ब्रेक मिला। क्रांति फेम अभिनेता को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म उपकार के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और 1992 में पद्म श्री पुरस्कार सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मनोज कुमार ने लंबी बीमारी के कारण कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी हॉस्पिटल में लंबी बीमारी के चलते अंतिम सांस ली। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि एक्टर को कार्डियोजेनिक शॉक के कारण निधन हुआ है।

 

आखिर क्या है कार्डियोजेनिक शॉक?

कार्डियोजेनिक शॉक एक जानलेवा स्थिति है, जिसमें दिल अचानक खून फेंकना बंद कर देता है। यह स्थिति बेहद ही दुर्लभ है और इलाज ना मिलने पर जानलेवा साबित हो सकती है। इस बीमारी से तुरंत उपचार मिल जाए तो आधे मरीजों की जान बचाई जा सकती है।

मायोकार्डियल इंफार्क्शन है वजह

एक रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर मामलों में मायोकार्डियल इंफार्क्शन के कारण से कार्डियोजेनिक शॉक होता है। इसे हम हार्ट अटैक के नाम से भी जानते हैं। इस कारण से दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है और लेफ्ट वेंट्रिकल डैमेज हो जाता है, यह खून फेंकने वाला प्रमुख चैंबर है। जिसके बाद ऑक्सीजन रहित खून मिलने से दिल की मांसपेशियां कमजोर हो जाती है और कार्डियोजेनिक शॉक बन जाता है।

दुर्लभ कारण

- मायोकार्डिटिस- हार्ट मसल्स में इंफ्लामेशन

- एंडोकार्डिटिस- हार्ट वॉल्व में इंफेक्शन

- किसी कारण से कमजोर दिल

- ड्रग ओवरडोज या पॉइजनिंग

इसके गंभीर नुकसान क्या है

- बुढ़ापा

- हार्ट फेलियर या हार्ट अटैक आना

- दिल की प्रमुख आर्टरी में ब्लॉकेज

- डायबिटीज या हाई बीपी की बीमारी होना

- महिलाओं में ज्यादा खतरा देखने को मिलता

कार्डियोजेनिक शॉक के लक्षण

- तेज धड़कन होना

- सांस फूलना

- अचानक से धड़कन बढ़ना

- बेहोशी छाना

- कमजोर नब्ज

- लो ब्लड प्रेशर

- पसीना आना

- पीली स्किन पड़ना

- हाथ-पैर ठंडे पड़ना

- कम या ना के बराबर पेशाब आना

मायोकार्डियल इंफार्क्शन के लक्षण

- छाती के बीच दबाव होना, भारीपन या सिकुड़न महसूस होना

- कंधे, हाथ, पीठ या जबड़े तक जाता हुआ दर्द

- छाती में दर्द बढ़ना

- सांस फूलना

- पसीना आना

- सिर घूमना, चक्कर आना

- जी मिचलाना और उल्टी आना

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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