आयुर्वेद में खाने-पीने के होते हैं बड़े नियम, कब-किस समय भोजन करना चाहिए?

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आयुर्वेद में हर चीज को लेकर टाइमिंग बताई गई है, आपका रहन-सहन हर तरीका के बारे में पता चलता है। आयुर्वेद में बताया गया कि आपको किस समय और कब खाना चाहिए। अगर आप गलत समय पर खाना खाते हैं तो आपको 100 प्रकार की बीमारियां हो सकती है।

संसार में सूर्य काफी महत्वपूर्ण है और सनातन धर्म में भी सूर्य काफी विशेष माना गया है। अगर एक दिन सूरज नहीं उगेगा तो संसार नष्ट हो सकता है। हालांकि, आप नहीं जानते होंगे कि खाना खाने से पहले भी सूरज को देखना काफी जरुरी है। खाने से लेकर पानी पीने तक आयुर्वेद में कई नियम बताए गए हैं। इस लेख में हम आपको इस रुल के बारे में बताने जा रहे हैं।

खाना खाने का बेस्ट टाइम

बता दें कि खाना खाने का टाइम और सूरज के बीच गहरा संबंध है। एक्सपर्ट के मुताबिक, सूर्यास्त के बाद डिनर और सूर्योदय से पहले ब्रेकफास्ट नहीं करना चाहिए। खाने-पीने के इस नियम को जरुर फॉलो करें।

सूरज के अनुसार चलता है शरीर

हमारा शरीर वात, पित्त और कफ दोष चलाते हैं, वैसे ही संसार को सूर्य, चंद्रमा और वायु चलाते हैं। इन्हीं के हिसाब से हमारे दोष चलते हैं और सूर्य के अनुसार ही हमारी बॉडी चलती है।

सूर्यास्त के बाद भोजन करना जहर होता है

जो लोग सूर्यास्त के बाद भी खाना खाते हैं, तो उनका भोजन पचता नहीं है। इस वजह से वो अमा बनाएगा, अमा का मतलब विष यानी के जहर। इतना ही नहीं, आयुर्वेद में बताया है, जो खाना अपच रह जाता है, उसके वजह से शरीर को 100 बीमारियां हो सकती हैं।

बढ़ जाएगा यूरिक एसिड और कोलेस्ट्रॉल

एक्सपर्ट की माने तो, अपत भोजन के कारण कोलेस्ट्रॉल, यूरिक एसिड बढ़ने का खतरा रहता है। संसार में जितने भी टॉक्सिन व अपशिष्ट पदार्थ हैं, वो बढ़ते हैं। इसके पीछे अनहेल्दी लाइफस्टाइल और अनहेल्दी डाइट भी हो सकती है।  

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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