मांसपेशियां रहती हैं कमजोर, कहीं इस बीमारी का संकेत तो नहीं है

sarcopenia
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एक समय के बाद हमारे शरीर की मांसपेशियां भी कमजोर होने लगती है। जब उम्र में मांसपेशियां भी कमजोर होने लगती है। मसल्स लॉस के कारण सार्कोपेनिया की स्थिति पैदा हो जाती है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में-

जब उम्र ढलने लगती है तो शरीर में काफी बदलाव आने लगते हैं। 40 से 50 की उम्र में आते-आते कई तरह की बीमारियों से घिर जाते हैं। कई लोग तो ऐसे होते हैं जिन्हें चलने फिरने में परेशानी होती है। कभी-कभार खड़े होकर काम करने में मुश्किल होता है। हर वक्त एनर्जी की कमी महसूस होती है, थकान बनी रहती है। यदि आप 40 के पार है और आपको भी इन सभी परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है तो आप सार्कोपोनिया के शिकार हैं। 

जानें सार्कोपेनिया के लक्षण

- स्टैमिना की कमी

- दैनिक गतिविधियां करने में मुश्किलें

- धीरे-धीरे चलना

- सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी

- संतुलन में कमी

- गिरने की समस्या

- मांसपेशियों के आकार में कमी

- थकान

सार्कोपेनिया होने के कारण

- आपके शरीर में विटामिन डी की कमी होना

- गतिहीन जीवनशैली

- मोटापा

- दीर्धकालिक बीमारियां जैसे मुधमेह, ह्रदय रोग, कैंसर

- गठिया

- उम्र बढ़ना

कैसे बचा जाए

सार्कोपेनिया बीमारी से बचने के लिए अपनी डाइट में प्रोटीन के सभी स्रोत को जरुर शामिल करें। ध्यान रहे कि आप लंबे समय से ज्यादा न बैठे। बीच-बीच में स्ट्रेचिंग करना जरुरी है। आपको विटामिन डी और कैल्शियम से भरपूर डाइट का सेवन करें। रोजाना कम से कम 30 से 40 मिनट के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने की जरुरत है। इसके साथ ही आप वॉकिंग या योगा करें। ओमेगा 3 को अपने आहार में जरुर शामिल करें। मांसपेशियों के विकास के लिए समर्थन के लिए कॉलेजन को अपनी डाइट में शामिल करें।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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