एयरकंडीशनर का अधिक इस्तेमाल करने से होने वाले इन नुकसानों से अनजान होंगे आप

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मिताली जैन । Sep 19 2019 3:48PM

एयरकंडीशनर कमरे को ठंडा करते समय मॉइश्चर को खत्म कर देता है। खासतौर से, अगर आप तापमान को कम पर सेट करते हैं तो इससे कमरे की नमी बहुत जल्द खत्म हो जाती है। वैसे कमरे के साथ−साथ यह आपके शरीर की नमी को भी सोख लेता है।

आजकल घरों व ऑफिसों में एयरकंडीशनर का इस्तेमाल करना आम हो गया है। एसी की ठंडी−ठंडी हवा तन−मन को सुकून पहुंचाती है और यही कारण है कि थोड़ी सी गर्मी होने पर भी लोग एसी का इस्तेमाल करने लगे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एयरकंडीशनर का अधिक इस्तेमाल आपकी सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। तो चलिए आज हम आपको एयरकंडीशनर के इस्तेमाल से होने वाले नुकसानों के बारे में बता रहे हैं−

आंखों में सूखापन

आंखों में डाईनेस के कारण व्यक्ति को धुंधली दृष्टि, आंखों में खुजली और जलन हो सकती है। यदि आप एक एसी कमरे में लंबे समय तक रहते हैं, तो यह डाई आईज को टि्रगर कर सकता है। यदि आप पहले से ही आंखों में डाईनेस से परेशान हैं, तो आपको एसी−हवादार कमरों में लंबे समय तक रहने से बचना चाहिए क्योंकि इससे समस्या और भी बदतर हो जाएगी।

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डिहाइड्रेशन

एयरकंडीशनर कमरे को ठंडा करते समय मॉइश्चर को खत्म कर देता है। खासतौर से, अगर आप तापमान को कम पर सेट करते हैं तो इससे कमरे की नमी बहुत जल्द खत्म हो जाती है। वैसे कमरे के साथ−साथ यह आपके शरीर की नमी को भी सोख लेता है। इसलिए यदि आप अपने आप को पर्याप्त हाइड्रेट नहीं करते हैं, तो निर्जिलत होने की संभावना अधिक है।

सिरदर्द

आपको शायद अहसास न हो लेकिन कमरे में एसी का इस्तेमाल आपके सिरदर्द का कारण भी बन सकता है। सबसे पहले तो जब आप बाहर से एसी रूम में प्रवेश करते हैं तो दोनों जगह के तापमान में काफी अंतर होता है, जिसके कारण शरीर उसमें एडजस्ट नहीं हो पाता और व्यक्ति को सिरदर्द की शिकायत होती है। वहीं दूसरी ओर, एसी के कारण व्यक्ति का शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है, जिससे भी सिरदर्द शुरू हो जाता है।

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श्वसन संबंधी समस्याएं

ल्गातार एसी के कमरे में बैठने से आपके नाक व गले की कार्यप्रणाली बाधित होती है। जिसके कारण व्यक्ति को कई तरह की श्वसन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, एसी आपके फेफड़ों को भी प्रभावित करते हैं।

आलस्य

एसी आपकी कार्यक्षमता को भी प्रभावित करता है। जो लोग लंबे समय तक एसी कमरे में रहते हैं, वे सुस्त और आलसी हो जाते हैं। इसलिए कोशिश करें कि आप एसी की जगह कमरे में नेचुरल वेंटिलेशन की व्यवस्था करें।

मिताली जैन

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डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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