डांस करने से सेहत को मिलते हैं इतने लाभ, जानकर दंग रह जाएंगे आप

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मिताली जैन । Oct 10 2019 6:24PM

डांस का सबसे पहला जो असर शरीर पर नजर आता है, वह है वजन का कम होना। अगर आप नियमित रूप से डांस करते हैं तो इससे आपकी कैलोरी बर्न होनी शुरू हो जाती है और धीरे−धीरे कमर का घेरा कम होने लगता है। यही कारण है कि आज जिम व फिटनेस सेंटर में एरोबिक्स, जुंबा या डांसरक्साइज करवाई जाती हैं।

आमतौर पर जब कोई त्योहार या फंक्शन होता है तो हम सभी मस्त होकर डांस करते हैं। कई बार किसी खुशी के अवसर पर भी लोग अपने मन के भावों को प्रकट करने के लिए डांस का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि डांस सिर्फ यही तक सीमित नहीं है। बल्कि यह जरिया है खुद को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखने का। अगर आप नियमित रूप से आधा या एक घंटा डांस करते हैं तो आपको इतने लाभ प्राप्त होते हैं, जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते। तो चलिए आज हम आपको डांस करने से होने वाले कुछ स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताते हैं−

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वेट लॉस

डांस का सबसे पहला जो असर शरीर पर नजर आता है, वह है वजन का कम होना। अगर आप नियमित रूप से डांस करते हैं तो इससे आपकी कैलोरी बर्न होनी शुरू हो जाती है और धीरे−धीरे कमर का घेरा कम होने लगता है। यही कारण है कि आज जिम व फिटनेस सेंटर में एरोबिक्स, जुंबा या डांसरक्साइज करवाई जाती हैं। इस तरह वजन कम करना बोझिल भी नहीं लगता और यह तो आप जानते हैं कि अधिक वजन कई तरह की बीमारियों को आमंत्रण देता है।


तनाव से मुक्ति

डांस आपके शरीर के साथ−साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। जब आप डांस करते हैं तो इससे आपका मूड अच्छा होता है और सारा तनाव छूमंतर हो जाता है। ऐसे में आप कभी भी अवसादग्रस्त नहीं हो सकते। इतना ही नहीं, डांस करने वाले व्यक्ति को डिमेंशिया या अन्य कई मानसिक बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम होता है।

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बेहतर बॉडी पॉश्चर

डांस के दौरान आप कई तरह के मूव्स करते हैं, जिससे न सिर्फ आपके शरीर का संतुलन बेहतर होता है, बल्कि इसे बॉडी पॉश्चर भी सुधरता है। जो लोग नियमित रूप से डांस करते हैं, उनके शरीर का लचीलापन बढ़ता है, हडि्डयां मजबूत होती हैं, शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर तरीके से होता है और उनके शरीर का स्टेमिना भी काफी अधिक होता है। बॉडी पॉश्चर के कारण उन्हें कमर दर्द, गर्दन में दर्द की शिकायत नहीं होती, वहीं दूसरी ओर शरीर का बढ़ा हुआ स्टेमिना वह अपना काम जल्दी और बेहतर तरीके से कर पाते हैं। इस तरह उनकी परफार्मेंस में भी सुधार होता है।

मिताली जैन

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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