बच्चों को हो सकती है सांस की यह बीमारियां, जानिए इनके बारे में
चाइल्ड केयर एक्सपर्ट के अनुसार, इन्फ्लूएंजा जिसे फ्लू भी कहा जाता है, एक वायरस है जो आम तौर पर पांच से सात दिनों के तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, थकान, खांसी और नाक बहने का कारण बनता है। इन्फ्लुएंजा खतरनाक हो सकता है।
मनुष्य का श्वसन तंत्र एक बेहद महत्वपूर्ण तंत्र है। इस श्वसन पथ के जरिए हम कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालते हैं, लेकिन इस श्वसन पथ से सिर्फ ऑक्सीजन ही शरीर के भीतर नहीं जाता, बल्कि यह रोगाणुओं के लिए प्रवेश का एक आसान बिंदु बन जाता है जो संभावित रूप से बीमारी का कारण बन सकते हैं। श्वसन प्रणाली को प्रभावित करने वाले रोग नाक, गले और फेफड़े बहुत आम हैं। यह बीमारियां केवल बड़ों को ही नहीं, बच्चों को भी परेशान कर सकती हैं। ऐसे कई श्वसन रोग हैं, जो बच्चों को परेशान कर सकते हैं। तो चलिए आज इन श्वसन रोग, उनके संकेतों और लक्षणों व उपचार के बारे में बात करते हैं−
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इंफ्लुएंजा
चाइल्ड केयर एक्सपर्ट के अनुसार, इन्फ्लूएंजा जिसे फ्लू भी कहा जाता है, एक वायरस है जो आम तौर पर पांच से सात दिनों के तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, थकान, खांसी और नाक बहने का कारण बनता है। इन्फ्लुएंजा खतरनाक हो सकता है, यहां तक कि यह छोटे बच्चों में जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसका टीका उपलब्ध हैं जो आपके बच्चे को फ्लू होने पर बीमारी के रिस्क को कम कर सकते हैं या इसके लक्षणों को कम कर सकते हैं। ऐसी कोई दवा नहीं है जो फ्लू के मामले को पूरी तरह ठीक कर दे, लेकिन एंटीवायरल दवाओं, उचित आराम और तरल पदार्थों की मदद से शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद मिल सकती है।
कॉमन कोल्ड
वायरस के कारण होने वाला कॉमन कोल्ड आपके बच्चे के श्वसन तंत्र को भी प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में बहती नाक, गले में खराश, खांसना, छींकना, सिरदर्द यहां तक कि शरीर में दर्द के लक्षण नजर आ सकते हैं। सामान्य सर्दी वायरस के कारण होती है जो आमतौर पर इन्फ्लूएंजा से कम गंभीर होती है। वयस्कों और बच्चों में लक्षण बहुत समान होते हैं, लेकिन बच्चों को हल्का बुखार भी हो सकता है।
अस्थमा
जब बच्चों श्वसन से जुड़ी बीमारियों की बात हो तो इसमें अस्थमा का नाम भी जरूर आता है। इस स्थित मिें बच्चे खाँसना, सीने में जकड़न, सांस लेने में कठिनाई व साँस छोड़ते समय घरघराहट की शिकायत करते हैं। इसमें वयस्कों में लक्षण बच्चों की तरह ही होते हैं। हालांकि, वयस्कों की तुलना में बच्चों में अस्थमा के अलावा एलर्जी होने की संभावना भी अधिक होती है।
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साइनसाइटिस
साइनसाइटिस को साइनस संक्रमण भी कहा जाता है। यह अक्सर सर्दी या फ्लू के साथ होता है या एलर्जी से शुरू हो सकता है। इससे चेहरे में दर्द, खासकर आंखों और नाक के पीछे, खांसी और बहती नाक, गले में खराश, सांसों की दुर्गंध और मतली या उल्टी हो सकती है।
मिताली जैन
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