जानिए क्या है हेपेटाइटिस और कैसे करें इलाज
विभिन्न कारणों से हेपेटाइटिस के विभिन्न प्रकार होते हैं। इनमें वायरल हेपेटाइटिस सबसे आम प्रकार है। यह कई वायरसों में से एक के कारण होता है− हेपेटाइटिस वायरस ए, बी, सी, डी, और ई। अल्कोहलिक हेपेटाइटिस भारी शराब के सेवन के कारण होता है।
लीवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह पाचन के लिए जरूरी रस का निर्माण करने के साथ−साथ ब्लड को साफ करने में भी मदद करता है। साथ ही साथ इसकी गिनती शरीर के बड़े अंगों में होती है। यह शरीर की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से काम करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, जब लिवर में सूजन हो जाती है तो इससे व्यक्ति के शरीर की कार्यप्रणाली गड़बड़ा जाती है। लिवर की सूजन को हेपेटाइटिस कहा जाता है। तो चलिए आज हम आपको हेपेटाइटिस के बारे में विस्तारपूर्वक बता रहे हैं−
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क्या है हेपेटाइटिस
हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि हेपेटाइटिस वास्तव में लीवर की सूजन है, जो तब होती है जब शरीर के ऊतक घायल या संक्रमित होते हैं। यह आपके लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है। इतना ही नहीं, हेपेटाइटिस एक अल्पकालिक संक्रमण या पुराना (दीर्घकालिक) संक्रमण हो सकता है।
हेपेटाइटिस के प्रकार व उसके कारण
विभिन्न कारणों से हेपेटाइटिस के विभिन्न प्रकार होते हैं। इनमें वायरल हेपेटाइटिस सबसे आम प्रकार है। यह कई वायरसों में से एक के कारण होता है− हेपेटाइटिस वायरस ए, बी, सी, डी, और ई। अल्कोहलिक हेपेटाइटिस भारी शराब के सेवन के कारण होता है। वहीं, ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस एक पुराना प्रकार है जिसमें आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली आपके लीवर पर हमला करती है।
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इस तरह फैलता है वायरल हेपेटाइटिस
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस ई आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के मल से दूषित भोजन या पानी के संपर्क में आने से फैलते हैं। वहीं, अधपके सूअर का मांस या शेलफिश खाने से भी हेपेटाइटिस ई होता है। वहीं, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी और हेपेटाइटिस डी किसी ऐसे व्यक्ति के रक्त के संपर्क में आने से फैलता है जिसे यह बीमारी है। हेपेटाइटिस बी और डी शरीर के अन्य तरल पदार्थों के संपर्क में आने से भी फैल सकता है। यह कई तरह से हो सकता है, जैसे नशीली दवाओं की सुई साझा करना या असुरक्षित यौन संबंध बनाना।
लक्षण पहचानें
हेपेटाइटिस वाले कुछ लोगों में लक्षण नजर ही नहीं आते, जिसके कारण उन्हें पता ही नहीं चलता कि वे संक्रमित हैं। वहीं, अगर इसके लक्षणों की बात की जाए, तो इसमें बुखार, थकान, भूख में कमी, मतली या उल्टी, पेट में दर्द, मिट्टी के रंग का मल त्याग, जोड़ों का दर्द, पीलिया, आपकी त्वचा और आंखों का पीला पड़ना आदि लक्षण नजर आ सकते हैं। यदि आपको कोई तीव्र संक्रमण है, तो आपके लक्षण संक्रमित होने के 2 सप्ताह से 6 महीने के बीच कभी भी शुरू हो सकते हैं।
हो सकती हैं यह भी समस्याएं
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, अगर आप क्रोनिक हेपेटाइटिस से पीडि़त हैं तो इससे आपको सिरोसिस (यकृत का घाव), यकृत की विफलता और यकृत कैंसर जैसी जटिलताएं हो सकती हैं। क्रोनिक हेपेटाइटिस का जल्द से जल्द इलाज किया जाना बेहद आवश्यक है।
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हेपेटाइटिस का इलाज
हेपेटाइटिस का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि आपको किस टाइप का हेपेटाइटिस है और यह अल्पकालिक है या पुराना। उदाहरण के तौर पर, तीव्र व अल्पकालिक वायरल हेपेटाइटिस अक्सर अपने आप दूर हो जाता है। बेहतर महसूस करने के लिए, आपको बस आराम करने और पर्याप्त तरल पदार्थ लेने की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन कुछ मामलों में यह अधिक गंभीर हो सकता है। आपको अस्पताल में इलाज की भी आवश्यकता हो सकती है।
वहीं दूसरी ओर, विभिन्न प्रकार के पुराने हेपेटाइटिस के इलाज के लिए अलग−अलग दवाएं हैं। जिन लोगों को अल्कोहलिक हेपेटाइटिस है, उन्हें शराब पीना बंद कर देना चाहिए। यदि आपके पुराने हेपेटाइटिस से लीवर फेल हो जाता है या लीवर कैंसर हो जाता है, तो आपको लीवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता हो सकती है।
मिताली जैन
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