क्या गर्भावस्था में दिल की धड़कन बढ़ना सामान्य है या नुकसानदेह?

heart rate pregnancy
कंचन सिंह । Oct 28 2020 4:36PM

गर्भावस्था के दौरान अक्सर महिलाएं अपने बच्चे की सेहत को लेकर बहुत चिंतित रहती हैं और हमेशा उनके बारे में ही सोचती रहती हैं, उनकी डिलिवरी सामान्य होगी या नहीं जैसी बातें सोचने के कारण तनाव और एंग्जायटी बढ़ जाती है और नतीजतन दिल की धड़कन बढ़ने लगती हैं।

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं हार्ट रेट यानी दिल की धड़कन का बढ़ना भी इन्हीं बदलावों में से एक है। हालांकि यदि यह बहुत ज़्यादा बढ़ जाती है तो डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत है। किन वजहों से दिल की धड़कन बढ़ जाती है आइए, जानते हैं।

चिकित्सकों के मुताबिक, आमतौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति का हृदय 60 से 80 प्रति मिनट की रफ्तार से धड़कता है, लेकिन गर्भावस्था में इसका 100 तक बढ़ना भी सामान्य है। इस स्थिति को टैचीकार्डिया कहा जाता है और गर्भावस्था के दौरान यह बिल्कुल सामान्य माना जाता है, जब तक कि आपको कोई दूसरी स्वास्थ्य समस्या न हो। दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान जैसे-जैसे भ्रूण का विकास होता है बच्चे को रक्त की अधिक ज़रूरत होती है जिसकी पूर्ति के लिए आपके शरीर को अधिक ब्लड पंप करना होता है और इसी कारण दिल की धड़कन तेज होने लगती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हार्ट रेट बढ़ने के अन्य कारण निम्न हो सकते हैं-

एंग्जायटी/तनाव- विशेषज्ञों के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान अक्सर महिलाएं अपने बच्चे की सेहत को लेकर बहुत चिंतित रहती हैं और हमेशा उनके बारे में ही सोचती रहती हैं, उनकी डिलिवरी सामान्य होगी या नहीं जैसी बातें सोचने के कारण तनाव और एंग्जायटी बढ़ जाती है और नतीजतन दिल की धड़कन बढ़ने लगती हैं।

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कैफीन का अधिक सेवन- इस दौरान यदि आप बहुत अधिक कैफीन का सेवन अधिक करते हैं तो यह आपके सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम को उतेजित कर देता हैं जिससे हार्ट रेट बढ़ सकती है। इसलिए इस दौरान कैफीन का सेवन कम से कम करें। साथ ही सिगरेट और शराब के सेवन से भी परहेज़ करें।

भ्रूण का विकास- जैसे-जैसे भ्रूण का विकास होता है गर्भाशय का आकार बढ़ने लगता है। ऐसे में गर्भाशय को सहारा देने के लिए आपका हृदय अधिक ब्लड पंप करता है। इसका मतलब है कि आपके दिल अधिक तेज़ी से काम करता है जिससे हार्ट रेट बढ़ जाती है।

प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का अधिक स्राव- प्रोजेस्टेरोन हार्मोन प्रेग्नेंसी के दौरान शारीरिक और भावनात्मक बदलाव के लिए ज़िम्मेदार होता है। साथ ही इसके अधिक स्राव से दिल की धड़कन तेज हो जाती है। कभी-कभी घबराहट के कारण भी दिल की धड़कन बढ़ जाती है।

थायराइड और एनीमिया- कई बार थायराइड संबंधी परेशानी या शरीर में आयरन की कमी  भी हृदय गति बढ़ सकती है।

दवाएं- गर्भावस्था के दौरान यदि आप सर्दी, एलर्जी या किसी अन्य समस्या के लिए कोई दवा ले रहे हैं तो उससे भी हृदय गति बढ़ सकती है। इसलिए कभी भी डॉक्टर की सलाह के बिना किसी तरह की दवा का सेवन न करें।

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दिल की धड़कन तेज होने के लक्षण

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान दिल की धड़कन बढ़ने पर आपको निम्न लक्षण दिख सकते हैं-

- बैठते या लेटते वक्त सांस लेने में परेशानी

- पैल्पिटेशन और दिल की धड़कन का रुक जाना

- सिर थोड़ा दर्द और चक्कर आन

- लगातार खांसी आना

यदि आपको इनमें से कोई लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। 

दिल की बढ़ी धड़कने के लिए समाधान

चिकित्सकों के अनुसार, वैसे तो गर्भावस्था में हार्ट रेट थोड़ा बढ़ना बिल्कुल सामान्य हैं, लेकिन आपको यदि महसूस होता है कि दिल की धड़कन बहुत तेज़ी से बढ़ रही है तो डॉक्टर से सलाह लें। साथ ही आप अपनी जीवनशैली में थोड़ा बदलाव करें जैसे योग, मेडिटेशन करनें, सुबह सैर पर जाएं, संतुलित आहार लें, नींद पूरी करें, तनाव से बचने की कोशिश करें। आप रिलैक्स होने के लिए थोड़ी कैमोमाइल चाय पी सकती हैं या लैवेंडर ऑयल के साथ अरोमाथेरेपी आजमा सकती हैं।

- कंचन सिंह

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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