Giloy Kadha: सर्दी-जुकाम और जकड़न के लिए रामबाण है गिलोय का काढ़ा, जानिए बनाने का तरीका
अगर आप सीने में जकड़न, बलगम या सर्दी-जुकाम से परेशान हैं, तो आप इस समस्या से बचने के लिए गिलोय का देसी काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। यह आपकी सेहत को काफी हद तक आराम पहुंचा सकता है।
अक्सर सर्दी-जुकाम और खांसी आदि की समस्या होने पर कुछ चीजों को मिलाकर घर में काढ़ा बनाकर पिया जाता है। काढ़ा हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। अगर आप सीने में जकड़न, बलगम या सर्दी-जुकाम से परेशान हैं, तो आप इस समस्या से बचने के लिए गिलोय का देसी काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। यह आपकी सेहत को काफी हद तक आराम पहुंचा सकता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि गिलोय का काढ़ा कैसे बनाते हैं और इसके सेवन से क्या फायदा होता है।
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गिलोय का काढ़ा पीने का फायदा
बता दें कि एंटी- बायोटिक, एंटी-एजिंग, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल, एंटी-डायबिटिक और एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं।
यह हमारी इम्यूनिटी को मजबूत करता है और इसके सेवन से कफ, सर्दी-खांसी और सीने की जकड़न दूर होती है।
वेट लॉस में भी गिलोय काफी फायदेमंद मानी जाती है। इससे मेटाबॉलिज्म मजबूत होता है और आसानी से फैट बर्न होता है।
काली मिर्च और लौंग भी सीने में जमा कफ को दूर करने में फायदेमंद हैं। क्योंकि लौंग और काली मिर्च की तासीर गर्म होती है, जिससे गले की खराश और इंफेक्शन की समस्या दूर होती है।
तुलसी के पत्तों का सेवन करने से खांसी और सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है। इससे इम्यूनिटी भी मजबूत होती है।
तुलसी एक इम्यूनोमॉड्यूलेटरी हर्ब है, जो सर्दी-खांसी में लाभकारी होती है।
वहीं दालचीनी में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं। यह सीने से कफ निकालने में मदद करती है।
शरीर में होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए अदरक का सेवन किया जा सकता है। अदरक सर्दी-खांसी को भी कम करती है।
अजवाइन का सेवन करने से इम्यूनिटी मजबूत होती है और आसानी से बलगम बाहर निकालने में मदद करती है।
सामग्री
गिलोय- 2 तने
दालचीनी का टुकड़ा- आधा इंच
काली मिर्च- 4
अजवाइन- आधा टीस्पून
लौंग- 2
अदरक- 1 इंच
तुलसी के पत्ते- 4
कैसे बनाएं काढ़ा
ऊपर बताई गई सभी सामग्रियों को 2 कप पानी में डालकर अच्छे से उबाल लें।
फिर जब यह आधा रह जाए, तो इसको छान लें।
इस काढ़ा को गुनगुना पिएं।
कुछ ही दिनों में आपको राहत मिलेगी।
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