Health Tips: एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट से कम होगा PCOD का खतरा, एक्सपर्ट्स से जानिए इसका फायदा

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पीसीओडी की वजह से कुछ महिलाओं को कमजोरी महसूस होने लगती है। वहीं इससे परेशान महिलाओं की ओवरी में सिस्ट यानी की छोटी-छोटी गांठे बनने लगती हैं। सही लाइफस्टाइल और हेल्दी डाइट से पीसीओडी ठीक किया जा सकता है।

आज के वक्त में बहुत सारी लड़कियां और महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज यानी की पीसीओडी से परेशान हैं। इस हार्मोनल डिसऑर्डर की वजह से महिलाओं के पीरियड्स प्रभावित होती है। साथ ही इससे प्रग्नेंसी में भी समस्याएं आ सकती हैं। इसका असर महिलाओं व लड़कियों के वजन पर भी पड़ता है। पीसीओडी की वजह से कुछ महिलाओं को कमजोरी महसूस होने लगती है। वहीं इससे परेशान महिलाओं की ओवरी में सिस्ट यानी की छोटी-छोटी गांठे बनने लगती हैं। सिर्फ शरीर पर ही पीरियड्स का असर नहीं होता है, बल्कि इमोशनली भी इसका असर दिखता है।

पीसीओडी से होने वाले हार्मोनल इंबैलेंस के कारण कई महिलाओं को इमोशनली चैलेंज काफी फेस करना पड़ता है। बता दें कि इस समस्या के होने पर अपनी डाइट पर ध्यान देना काफी ज्यादा जरूरी होता है। लेकिन ऐसे में एक सवाल उठता है कि क्या सही लाइफस्टाइल और हेल्दी डाइट से पीसीओडी ठीक किया जा सकता है। ऐसे में इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि पीसीओडी में हेल्दी डाइट क्या भूमिका निभाती है।

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हेल्दी डाइट और पीसीओडी

बता दें कि पीसीओडी को मैनेज करने में हेल्दी डाइट काफी ज्यादा अहम भूमिका निभाती है। इसलिए आपको अपनी डाइट को बैलेंस करना काफी ज्यादा जरूरी होता है। अपनी डाइट में शुगर और कार्ब्स कम होने के साथ ही प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अधिक होनी चाहिए। क्योंकि सही डाइट आपके हार्मोन्स पर पॉजिटिव असर डालती है। हेल्दी डाइट इंफ्लेमेशन को कम कर पीसीओडी के लक्षणों में सुधार करती है। ऐसे में अगर आप भी लंबे समय तक हेल्दी डाइट लेती हैं, तो पीसीओडी के लक्षण ठीक हो सकते हैं।

जानिए कैसी होनी चाहिए डाइट

पीसीओडी से परेशान महिलाओं को बैलेंस डाइट लेनी चाहिए। उनको अपनी डाइट में फल, सब्जियां, प्रोटीन, साबुत अनाज और हेल्दी फैट्स को शामिल करना चाहिए। 

डाइट में फल, सब्जियां, प्रोटीन, साबुत अनाज और हेल्दी फैट्स को शामिल करने से जरूरी न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं। इससे इंसुलिन लेवल सही होता है। यह पीसीओडी को मैनेज करने के लिए काफी ज्यादा जरूरी होता है।

फाइबर से भरपूर फल और सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। यह इंसुलिन प्रतिरोध को रिवर्स करने में सहायक होती है। 

इसके अलावा डेली रूटीन में एक्सरसाइज को जरूर शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही पोर्शन कंट्रोल का भी खास ख्याल ऱखें। हेल्दी वेट मेंटेंन करना भी पीसीओडी में बहुत जरूरी होता है।

पीसीओडी से परेशान महिलाओं को प्रोसेस्ड फूड्स,अधिक शुगर और ट्रांस फैट्स का सेवन नहीं करना चाहिए। 

एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स जैसे अदरक, हल्दी और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स को अपनी डाइट का हिस्सा बनाना चाहिए। 

सही मात्रा में पानी का सेवन जरूर करें।

पीसीओडी के लक्षणों में सुधार के लिए नट्स को अपनी डाइट में शामिल करें। आप बादाम, अखरोट और सूरजमुखी के बीजों का सेवन कर सकती हैं।

महिलाओं के शरीर पर पीसीओडी का असर भी अलग-अलग तरीके से होता है। ऐसे में आप हेल्थ एक्सपर्ट्स की सलाह पर एक पर्सनलाइज्ड डाइट प्लान भी बनवा सकती हैं।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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