प्यार, बदला, नफरत और खौफनाक चुड़ैल की कहानी है बुलबुल, महिला सशक्तिकरण का संदेश भी दिया
फिल्म बुलबुल एक प्यार की कहानी है, बदले की कहानी है, भूतिया भी है और समाजिक बुराइयों को भी दर्शाती है। फिल्म महिला सशक्तिकरण का संदेश भी देती है। अगर आप भी एक ऐसी खूबसूरत डायरेक्शन में पिरोयी कहानी को देखना चाहते हैं तो बुलबुल में आप अपना टाइम इनवेस्ट कर सकते हैं।
आप सभी ने अभी तक जिन भूतिया फिल्मों को देखा हैं उन सबसे से परे एक भूतिया फिल्म बुलबुल नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई हैं। फिल्म में कई कहानियां साथ चलती हैं जो पूरी तरह से आपको अपनी गिरफ्त में लेने में कामयाब रहो रही हैं। फिल्म बुलबुल एक प्यार की कहानी है, बदले की कहानी है, भूतिया भी है और समाजिक बुराइयों को भी दर्शाती है। फिल्म महिला सशक्तिकरण का संदेश भी देती है। अगर आप भी एक ऐसी खूबसूरत डायरेक्शन में पिरोयी कहानी को देखना चाहते हैं तो बुलबुल में आप अपना टाइम इनवेस्ट कर सकते हैं।
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फिल्म बुलबुल की कहानी
कहानी की शुरूआत होती हैं एक छोटी सी बच्ची बुलबुल से... बाल विवाह के चलते उसकी शादी एक राज घराने में उससे बहुत बड़े आदमी इंद्रनील (राहुक बोस) से कवरा दी जाती हैं। इंद्रनील राज घराने का सबसे बड़ा बेटा होता है। उसके दो और भाई है- महेंद्र और सत्या। महेंद्र की मेंटल हालत ठीक नहीं हैं। छोटे भाई सत्या की उम्र बुलबुल जितनी है। शादी के बाद बुलबुल का पूरा बचपन बुलबुल के साथ ही हवेली में बीतता है। दोनों साथ में खेलते हैं वक्त बताते हैं। बुलबुल की अभी वो उम्र नहीं थी जिसमें उसे समझ आता की देवर क्या होता हैं। बुलबुल को तो सत्या के रूप में अपना एक दोस्त मिल गया हो। सत्या (अविनाश तिवारी) और बुलबुल (तृप्ति डिमरी) अब बड़े हो जाते हैं। इंद्रनील अपनी पत्नी को प्यार भी करता हैं और उसे सम्मान भी लेकिन घर में बुलबुल से एक औरत काफी नफरत करती हैं वो है बुलबुल की देवरानी बिनोदिनी (पाओली दाम) । बिनोदिनी का पति मानसिक रूप से ठीक नहीं था। इसी वजह से बिनोदिनी की वो सम्मान कभी नहीं मिला बुलबुल को मिलता था। बिनोदिनी ने इंद्रनील और बुलबुल के रिश्ते को तोड़ने की ठान ली। बुलबुल और सत्या के प्यार को ढाल बनाकर उसने अभी चाल चली। बुलबुल का पति इस चाल में फंस गया और उसने सत्या और बुलबुल को अलग करने के लिए सत्या को लंदन भेज दिया। बुलबुल का इस हवेली में सत्या के अलावा और कोई नहीं था। सत्या और बुलबुल एक दूसरे को प्यार करते थे। बिनोदिनी ने इसका फायदा उठाया और बुलबुल के पति के दिल में बुलबुल के लिए इतनी नफरत भर दी कि उनके एक दिन लोहे की रोड ने बुलबुल को खूब मारा। बुलबुल बहुत की बुरी तरह से घायल हो चुकी थी। मारने के बाद बुलबुल का पति उसके इलाज के लिए डॉक्टर सुदीप (परमब्रत चटोपाध्याय) को बुलाता हैं। सुदीप बुलबुल का इलाज करता है।
कहानी 5 साल आगे बढ़ जाती है। बुलबुल को सुदीप के रूप में एक नया दोस्त मिल जाता है।बिनोदिनी का पति मर जाता हैं और वो आश्रम में रहने लगती है। 5 साल बता सत्या की हवेली वापसी होती हैं। हवेली में आप सब कुछ बदल चुका होता है। बुलबुल की सत्या के लिए प्यार भी। सुदीप अब हवेली में बुलबुल का दोस्त बन चुका होता हैं। दूसरी तरफ कहानी में पिछले 5 साल में गांव में बहुत सारी हत्याएं हो चुकी हैं। गांव वालों का कहना हैं कि एक चुडैल इन सभी की हत्या कर रही हैं। इस चुडैल ने ही बुलबुल के पागल देवर को भी मारा था। अब चुडैल का रहत्य जानने के लिए सत्या जंगल की ओर बंदूख लेकर चला जाता है। ये चुडैल कौन है और गांव वालों को क्यों बार रही है। बुलबुल के देवर को चुडैल ने क्यों मारा इन सबके बीचे एक बहुत ही शानदार बदले की कहानी है जिसे देखने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
एक्टिंग और डायरेक्शन
फिल्म में कई कलाकार है लेकिन लीड रोल बुलबुल का है। बुलबुल का किरदार तृप्ति डिमरी ने निभाया है। तृप्ति डिमरी ने बुलबुल के किरदार को स्क्रीन पर जीया हैं। तृप्ति डिमरी वैसे तो कई फिल्मों में काम कर चुकीं हैं लेकिन बॉलीवुड दर्शकों के लिए उनका लीड रोल में चेहरा नया हैं। उनकी एक्टिंग शानदार है। अन्विता दत्त द्वारा निर्देशित बुलबुल एक महिला केंद्रित फिल्म है। कहानी का सार ऐसी महिला का है जो प्रताड़ित है, वह बिना अपना दर्द बताए चेहरे पर मुस्कान लिए नजर आती है।
फिल्म:Bulbbul
कलाकार:Tripti Dimri, Paoli Dam, Rahul Bose, Avinash Tiwari, Parambrata
निर्देशक:Anvita Dutt
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