नाटकीयता ज्यादा हावी हो जाने से ''अजहर'' पिटी
इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म ''अजहर'' खेल आधारित हस्ती पर बॉलीवुड की एक और पेशकश है। लेकिन ''भाग मिल्खा भाग'' और ''मैरी कॉम'' से तुलना की जाए तो यह बेहद कमजोर फिल्म लगती है।
इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म 'अजहर' खेल आधारित हस्ती पर बॉलीवुड की एक और पेशकश है। लेकिन 'भाग मिल्खा भाग' और 'मैरी कॉम' से तुलना की जाए तो यह बेहद कमजोर फिल्म लगती है। जब कोई बॉयोपिक बनती है तो उसमें पूरी ईमानदारी दिखनी चाहिए लेकिन ऐसा लगता है कि फिल्म में निर्देशक ने वही दिखाया है जो अजहर दुनिया को बताना चाहते थे। जबकि उनकी जिंदगी के कई और ऐसे वाकये हैं जिनकी लोगों के बीच काफी चर्चा होती है लेकिन फिल्म में इस बात का जिक्र तक नहीं है।
मोहम्मद अजहरुद्दीन (इमरान हाशमी) को बचपन में नाना (कुलभूषण खरबंदा) ने क्रिकेट सिखाया और उसके मन में क्रिकेटर बनने का शौक पैदा किया। का शौक जैसे विरासत में मिला। नाना चाहते थे कि उनका नाती भारतीय क्रिकेट टीम में सौ टेस्ट मैच खेले। नाना का सपना तब साकार होता है जब अजहर को भारतीय टीम में चुन लिया जाता है और वह जोरदार प्रदर्शन करना शुरू कर देता है और लोगों के दिलो दिमाग पर छा जाता है। उसकी जिंदगी में तब नया मोड़ आता है जब अभिनेत्री संगीता को वह चाहने लगता है और दोनों शादी करने का निर्णय करते हैं। अजहर अपनी खूबसूरत बेगम नौरीन (प्राची देसाई) को तलाक देने के बाद संगीता के साथ दूसरा निकाह करता है। इसी दौरान उसका नाम मैच फिक्सिंग के साथ जुड़ता है। टीम से अजहर को बाहर कर दिया जाता है और उस पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। उसके प्रशसंकों का दिल टूट जाता है और वह अपने चहेते खिलाड़ी के पुतले फूंकने लगते हैं। अब खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए अहजर फिक्सिंग मामले में खुद को सुनाई गई सजा के खिलाफ कोर्ट में अपील करता है। अजहर के खिलाफ केस लड़ रही मीरा (लारा दत्ता) कभी उनकी सबसे बड़ी फैन हुआ करती थी लेकिन अब वह उसे सबक सिखाने पर उतारू है।
अभिनय के मामले में कहा जा सकता है कि इमरान हाशमी ने अजहर के किरदार के लिए काफी मेहनत की है। उन्होंने अपने रोल के लिए क्रिकेट की बारीकियां भी सीखीं। अभिनेत्री संगीता के किरदार में नरगिस फाखरी को फुटेज कम मिली लेकिन वह अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रहीं। अजहर की पहली बीवी के किरदार में प्राची देसाई ने बहुत अच्छा काम किया है। वह खूबसूरत भी लगी हैं। कुलभूषण खरबंदा, कुणाल रॉय कपूर और लारा दत्ता का काम दर्शकों को पसंद आएगा। फिल्म का गीत संगीत आजकल काफी पसंद किया जा रहा है। निर्देशक टोनी डिसूजा ने लीड किरदार को मजबूत बनाने के लिए तो अच्छी खासी मेहनत की, लेकिन अन्य किरदारों के साथ न्याय नहीं कर पाये। दर्शकों को फिल्म में कई जगह बनावट साफ नजर आएगी जोकि निर्देशक की बड़ी खामी है।
कलाकार- इमरान हाशमी, प्राची देसाई, नरगिस फाखरी, कुलभूषण खरबंदा, कुणाल रॉय कपूर, लारा दत्ता।
निर्देशक- टोनी डिसूजा।
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