Laxmi Puja Muhurat: दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के मुहूर्त को लेकर हैं कंफ्यूज, यहां जानिए तिथि और समय
कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या की रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण के लिए आती हैं। वहीं जिन घरों में पूजा-पाठ और मंत्रोच्चार होता है, वहां पर मां लक्ष्मी वास करती हैं। इसलिए दीपावली की शाम को महालक्ष्मी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है।
दीपावली के मौके पर घरों को दीयों और रोशनी से सजाया जाता है और सूर्यास्त के बाद यानी प्रदोष काल में धन की देवी मां लक्ष्मी, कुबेर देव और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या की रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण के लिए आती हैं। वहीं जिन घरों में पूजा-पाठ और मंत्रोच्चार होता है, वहां पर मां लक्ष्मी वास करती हैं। इसलिए दीपावली की शाम को महालक्ष्मी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। तो आइए जानते हैं दीपावली के मौके पर लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त के बारे में...
तिथि और शुभ मुहूर्त
हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस बार अमावस्या तिथि दो दिन रहेगी। अमावस्या तिथि की शुरूआत 31 को दोपहर 03:52 मिनट से शुरू होगा और 01 नवंबर की शाम 06:16 मिनट पर समाप्त होगी। अमावस्या व्यापिनी तिथि और प्रदोष काल में मां लक्ष्मी, कुबेर देवता और भगवान गणेश की पूजा करने की मान्यता है। आज यानी की 31 अक्तूबर की शाम 05:36 मिनट पर प्रदोष काल की शुरूआत होगी। वहीं इसकी समाप्ति 08:11 मिनट पर होगी।
बता दें कि लक्ष्मी पूजन के लिए स्थिर लग्न बहुत ही शुभ और श्रेष्ठ मानी जाती है। आज वृषभ लग्न की शुरूआत शाम 06:25 मिनट से लेकर 08:20 मिनट तक होगी। वहीं 31 अक्तूबर की शाम 06:25 मिनट से लेकर रात 08:20 मिनट के बीच लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त अच्छा रहेगा।
कब है लक्ष्मी पूजन
प्रदोष काल, अमावस्या तिथि और स्थिर लग्न में लक्ष्मी-गणेश और कुबेर देव की पूजा करने की मान्यता है। प्रदोष काल तब होता है, जब सूर्य अस्त हो जाता है। पूजा का मुहूर्त 02 घंटे 24 मिनट तक है। हिंदू धर्म में उदयातिथि तिथि के हिसाब से त्योहार मनाया जाता है। लेकिन दीपावली पर मां लक्ष्मी की पूजा अमावस्या तिथि की रात में होती है। ऐसे में अमावस्या तिथि 31 अक्तूबर की पूरी रात रहेगी। इसलिए 31 अक्तूबर 2024 को लक्ष्मी पूजा की जाएगी।
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