Anant Chaturdashi 2024: भगवान विष्णु की पूजा के लिए खास दिन है अनंत चतुर्दशी, जानिए पूजन विधि

Anant Chaturdashi 2024
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भगवान गणेश के पूजन और विसर्जन के अलावा अनंत चतुर्दशी का दिन जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु को समर्पित होता है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए बेहद खास माना जाता है।

हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी का दिन बेहद खास माना जाता है। इसी दिन गणपति की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। इस दिन से गणेश चतुर्थी के दिन से शुरू होने वाले 10 दिन के गणेश उत्सव की समाप्ति हो जाती है। भगवान गणेश के पूजन और विसर्जन के अलावा अनंत चतुर्दशी का दिन जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु को समर्पित होता है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए बेहद खास माना जाता है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का व्रत किया जाता है।

बता दें कि महाभारत काल के दौरान जब पांडवों पर कई तरह के संकट आए और जुएं में सब हारकर उनको जंगल में वास करना पड़ा। तब भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों को अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने की सलाह दी। तब पांडवों ने अनंत चतुर्दशी का व्रत किया और इस व्रत के प्रभाव से पांडवों के संकट दूर होने लगे। फिर महाभारत के युद्ध में पांडवों की जीत हुई और उन्हें अपना खोया हुआ राज्य मिल गया। अनंत चतुर्दशी का व्रत करने और इस व्रत कथा का पाठ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

शुभ मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के मुताबिक 16 सितंबर 2024 को दोपहर 03:10 मिनट से अनंत चतुर्दशी तिथि की शुरूआत हुई। वहीं आज यानी की 17 सितंबर को 11:44 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी। ऐसे में पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10:43 मिनट से लेकर सुबह 11:15 मिनट तक है।

पूजा विधि

इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर साफ वस्त्र पहनें। फिर व्रत का संकल्प करें और पूजा स्थल की अच्छे से साफ-सफाई करें। अब लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं और कलश की स्थापना करें। फिर शेषनाग की शैय्या पर लेटे हुए भगवान श्रीहरि विष्णु की तस्वीर स्थापित करें। अब धूप-दीप अर्पित करें और हल्दी और केसर से रंगा हुआ 14 गांठों वाला अनंत सूत्र भगवान विष्णु के सामने रखें।

इसके बाद ॐ अनंताय नमः मंत्र का जाप करते करते हुए श्रीहरि विष्णु और अनंत सूत्र की पूजा करें। फिर जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु को अक्षत, फल, फूल, भोग और हल्दी अर्पित करें और विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें। अब अनंत चतुर्दशी की व्रत कथा का पाठ करें और दाहिने हाथ में अनंत सूत्र पहनें। पूरा दिन व्रत रखें और शाम के समय पूजन आदि कर व्रत खोलें।

अनंत चतुर्दशी का महत्व

हिंदू धर्म में इस व्रत का बहुत महत्व माना जाता है। इस दिन जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस पूजा से श्रीहरि विष्णु प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इस दिन महिलाएं अनंत सूत्र बांधती हैं और इसमें 14 गांठें लगाई जाती हैं। यह सूत्र अनंत का प्रतीक माना जाता है और इसको बांधने से जातक के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

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