Akshay Navami 2024: अक्षय नवमी पर आंवले के पेड़ की पूजा से मिटेंगे सारे कष्ट, जानिए शुभ योग

Akshay Navami 2024
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हिंदू धर्म में अक्षय नवमी एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। इस पर्व को विशेष रूप से पुण्य कार्यों के लिए जाना जाता है। क्योंकि इसदिन किए गए अच्छे कर्मों का फल कभी समाप्त नहीं होता है।

हिंदू धर्म में अक्षय नवमी एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। इस पर्व को विशेष रूप से पुण्य कार्यों के लिए जाना जाता है। क्योंकि इसदिन किए गए अच्छे कर्मों का फल कभी समाप्त नहीं होता है। इस बार यह पर्व 10 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। अक्षय नवमी को समृद्धि और पुण्य की प्राप्ति का दिन भी माना जाता है। अक्षय नवमी का संबंध भगवान श्रीहरि विष्णु से है। जोकि सृष्टि के पालनहार माने जाते हैं। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से जातक को अनंत पुण्यफल की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं अक्षय नवमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में...

महत्व

इस दिन जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु के साथ ही आंवले के पेड़ की भी पूजा की जाती है। इससे व्यक्ति के जीवन में आने वाली समस्याओं का अंत होता है और जातक को मनोवांछित फल प्राप्त होता है। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस दिन की जाने वाली पूजा और दान-पुण्य का फल अक्षय होता है। यह न सिर्फ इस जन्म बल्कि अगले जन्मों में भी शुभ फल देता है।

शुभ योग और शुभ मुहूर्त

बता दें कि इस बार अक्षय नवमी के मौके पर कुछ विशेष योग बन रहे हैं, जोकि पूजा-पाठ और दान के लिए अत्यंत अनुकूल माने जाते हैं। इस दिन ध्रुव योग, रवि योग और पंचक योग का निर्माण हो रहा है। विशेष रूप से मांगलिक कार्यों के लिए रवि योग अच्छा माना जाता है और पंचक योग भी काफी शुफ फलदायी माना जाता है। इस दिन पूजा का मुहूर्त सुबह 04:55 मिनट से लेकर 05:45 मिनट तक है। यह ब्रह्म मुहूर्त पूजा और दान-पुण्य के लिहाज से बेहद उत्तम है।

अक्षय नवमी की पूजा विधि

इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदिकर सूर्य देव को जल अर्पित करें।

फिर आंवले के पेड़ के जड़ में जल अर्पित करें। 

आंवले के पेड़ की जड़ में रोली, हल्दी, चावल और फूल आदि अर्पित करें।

इसके बाद दीपक जलाएं और पूजा करें।

अब आंवले के पेड़ की सात बार परिक्रमा करें और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।

पूजा के दौरान श्रीहरि विष्णु का ध्यान करते हुए 'ऊँ विष्णुवे नम:' मंत्र का जाप करें।

इसके बाद मिठाई या फल आदि का भोग अर्पित करें।

इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करना शुभ माना जाता है।

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